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Una News: चिंतपूर्णी मंदिर में हवन करवाने के वसूले जा रहे 5100 से 11 हजार
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चार साल पहले लिए जाते थे 500 रुपये, अब श्रद्धालुओं को चुकाने पड़ हजारों रुपये
श्रद्धालुओं का आरोप, मंदिर प्रशासन अब उनसे दस गुना तक अधिक राशि वसूल रहा
अजय कालिया
चिंतपूर्णी (ऊना)। मन्नत पूरी होने के बाद विख्यात धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी मंदिर में हवन करवाने आ रहे श्रद्धालुओं को अब 5100 से 11,000 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं चार साल पहले हवन के लिए मात्र 500 रुपये लिए जाते थे। श्रद्धालुओं का आरोप है कि मंदिर प्रशासन अब उनसे दस गुना तक अधिक राशि वसूल रहा है, जिससे वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक छोटा हवन करवाने के लिए श्रद्धालुओं से 5100 रुपये, जबकि श्री दुर्गा सप्तशती हवन के लिए 11,000 रुपये वसूले जा रहे हैं। हवन सामग्री मंदिर प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन हवन में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी मंदिर में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मंदिर में चढ़ाए जा रहे सूखे नारियल को ही हवन कुंड में डालकर औपचारिकता निभाई जा रही है।
नारियल के जलने से उठने वाली चिंगारियां श्रद्धालुओं के कपड़ों तक को नुकसान पहुंचा रही हैं। स्थानीय बीडीसी सदस्य ज्योति ठाकुर, मीनू शर्मा, निर्मला देवी, कंचना ठाकुर आदि ने बताया कि पहले 500 रुपये में हवन हो जाता था और एक हवन कुंड ऐसा भी था जहां मुफ्त में हवन करवाया जाता था। अब प्रशासन ने उस मुफ्त वाले कुंड से भी बराबर की फीस वसूलनी शुरू कर दी है, जिसे वे श्रद्धा पर कुठाराघात बता रहे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि जिन्होंने मन्नत के तहत हवन करवाने का संकल्प लिया होता है, वे मजबूरी में बढ़ी हुई फीस भरने को विवश हैं।
कोट्स
हमारे समय में श्रद्धालुओं को हवन के लिए लकड़ी भी उपलब्ध कराई जाती थी। पैसा कोई नहीं लिया जाता था। लेकिन, अब हवन के लिए हजारों रुपये बढ़ाना सरासर गलत है। -मदन लाल शर्मा, पूर्व मंदिर अधिकारी, चिंतपूर्णी
मंदिर प्रशासन को हवन के लिए बेहतर सुविधाएं देनी चाहिए और इतनी अधिक राशि नहीं वसूलनी चाहिए। पैसे बढ़ने से श्रद्धालुओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसे कम किया जाना चाहिए। -शशि कालिया, प्रधान, चिंतपूर्णी
चिंतपूर्णी मंदिर में हवन के पैसे काफी अधिक हैं। इस संबंध में राशि कम करने के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा। -तिलक राज कालिया, सदस्य, मंदिर न्यास चिंतपूर्णी
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श्रद्धालुओं का आरोप, मंदिर प्रशासन अब उनसे दस गुना तक अधिक राशि वसूल रहा
अजय कालिया
चिंतपूर्णी (ऊना)। मन्नत पूरी होने के बाद विख्यात धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी मंदिर में हवन करवाने आ रहे श्रद्धालुओं को अब 5100 से 11,000 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं चार साल पहले हवन के लिए मात्र 500 रुपये लिए जाते थे। श्रद्धालुओं का आरोप है कि मंदिर प्रशासन अब उनसे दस गुना तक अधिक राशि वसूल रहा है, जिससे वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक छोटा हवन करवाने के लिए श्रद्धालुओं से 5100 रुपये, जबकि श्री दुर्गा सप्तशती हवन के लिए 11,000 रुपये वसूले जा रहे हैं। हवन सामग्री मंदिर प्रशासन की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन हवन में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी मंदिर में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मंदिर में चढ़ाए जा रहे सूखे नारियल को ही हवन कुंड में डालकर औपचारिकता निभाई जा रही है।
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नारियल के जलने से उठने वाली चिंगारियां श्रद्धालुओं के कपड़ों तक को नुकसान पहुंचा रही हैं। स्थानीय बीडीसी सदस्य ज्योति ठाकुर, मीनू शर्मा, निर्मला देवी, कंचना ठाकुर आदि ने बताया कि पहले 500 रुपये में हवन हो जाता था और एक हवन कुंड ऐसा भी था जहां मुफ्त में हवन करवाया जाता था। अब प्रशासन ने उस मुफ्त वाले कुंड से भी बराबर की फीस वसूलनी शुरू कर दी है, जिसे वे श्रद्धा पर कुठाराघात बता रहे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि जिन्होंने मन्नत के तहत हवन करवाने का संकल्प लिया होता है, वे मजबूरी में बढ़ी हुई फीस भरने को विवश हैं।
कोट्स
हमारे समय में श्रद्धालुओं को हवन के लिए लकड़ी भी उपलब्ध कराई जाती थी। पैसा कोई नहीं लिया जाता था। लेकिन, अब हवन के लिए हजारों रुपये बढ़ाना सरासर गलत है। -मदन लाल शर्मा, पूर्व मंदिर अधिकारी, चिंतपूर्णी
मंदिर प्रशासन को हवन के लिए बेहतर सुविधाएं देनी चाहिए और इतनी अधिक राशि नहीं वसूलनी चाहिए। पैसे बढ़ने से श्रद्धालुओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसे कम किया जाना चाहिए। -शशि कालिया, प्रधान, चिंतपूर्णी
चिंतपूर्णी मंदिर में हवन के पैसे काफी अधिक हैं। इस संबंध में राशि कम करने के लिए उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा। -तिलक राज कालिया, सदस्य, मंदिर न्यास चिंतपूर्णी