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Una News: जमीन को धोखाधड़ी से पट्टे पर लेने का आरोप, केस दर्ज
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सिद्ध चलेहड़ निवासी ने संघनई के व्यक्ति पर लगाए आरोप
संवाद न्यूज एजेंसी
अंब (ऊना)। सिद्ध चलेहड़ निवासी व्यक्ति ने अपने मामा की ओर से उसे दी गई जमीन को धोखाधड़ी से पट्टे पर लिए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। वीरवार को अदालत के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार मेहर चंद पुत्र शंकर दास निवासी सिद्ध चलेहड़ ने बताया कि उसकी परवरिश उसके मामा ने की थी। मामा की सेवा से प्रसन्न होकर उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति मेहर चंद के नाम वसीयत कर दी थी, जिसे 1 अप्रैल 2004 को अंब में कानूनी रूप से पंजीकृत करवाया गया था। मामा का निधन 10 जनवरी 2000 को हो चुका था।
मेहर चंद ने बताया कि 2 नवंबर 2024 को वह मामा की संपत्ति के दाखिल-खारिज की सत्यापन प्रक्रिया के लिए हलका पटवारी से मिला, जहां उसे पता चला कि वही भूमि पहले से ही आरोपी सतवंत सिंह निवासी संघनई, तहसील घनारी, जिला ऊना के नाम पट्टे पर दर्शाई गई है। रिकॉर्ड में दिखाया गया कि यह भूमि 27 फरवरी 1991 को 99 वर्षों के लिए आरोपी को पट्टे पर दी गई थी।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी ने राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेज और फर्जी अंगूठे के निशान तैयार करवाए। भूमि पर कब्जा लेने के लिए आरोपी ने 9 अगस्त 2005 को एक झूठा आवेदन भी दाखिल किया, जिसके आधार पर राजस्व अधिकारी ने मृतक के नाम सम्मन जारी कर दिया। एक फर्जी रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया कि मृतक को सूचित किया गया था। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया कि जब उसके मामा की मृत्यु वर्ष 2000 में हो चुकी थी, तो वर्ष 2005 में वह सम्मन प्राप्त करने से इंकार कैसे कर सकते थे।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ऊना अमित यादव ने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है।
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अंब (ऊना)। सिद्ध चलेहड़ निवासी व्यक्ति ने अपने मामा की ओर से उसे दी गई जमीन को धोखाधड़ी से पट्टे पर लिए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। वीरवार को अदालत के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार मेहर चंद पुत्र शंकर दास निवासी सिद्ध चलेहड़ ने बताया कि उसकी परवरिश उसके मामा ने की थी। मामा की सेवा से प्रसन्न होकर उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति मेहर चंद के नाम वसीयत कर दी थी, जिसे 1 अप्रैल 2004 को अंब में कानूनी रूप से पंजीकृत करवाया गया था। मामा का निधन 10 जनवरी 2000 को हो चुका था।
मेहर चंद ने बताया कि 2 नवंबर 2024 को वह मामा की संपत्ति के दाखिल-खारिज की सत्यापन प्रक्रिया के लिए हलका पटवारी से मिला, जहां उसे पता चला कि वही भूमि पहले से ही आरोपी सतवंत सिंह निवासी संघनई, तहसील घनारी, जिला ऊना के नाम पट्टे पर दर्शाई गई है। रिकॉर्ड में दिखाया गया कि यह भूमि 27 फरवरी 1991 को 99 वर्षों के लिए आरोपी को पट्टे पर दी गई थी।
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शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी ने राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेज और फर्जी अंगूठे के निशान तैयार करवाए। भूमि पर कब्जा लेने के लिए आरोपी ने 9 अगस्त 2005 को एक झूठा आवेदन भी दाखिल किया, जिसके आधार पर राजस्व अधिकारी ने मृतक के नाम सम्मन जारी कर दिया। एक फर्जी रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया कि मृतक को सूचित किया गया था। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया कि जब उसके मामा की मृत्यु वर्ष 2000 में हो चुकी थी, तो वर्ष 2005 में वह सम्मन प्राप्त करने से इंकार कैसे कर सकते थे।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ऊना अमित यादव ने बताया कि अदालत के निर्देश के बाद विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है।