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Una News: दुधारू पशुओं के फीड अनुदान में भेदभाव के आरोप
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पशुपालकों के कहा, सामान्य वर्ग के बीपीएल धारकों के लाभ में 50 फीसदी की कटौती
संवाद न्यूज एजेंसी
नारी (ऊना)। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के तहत जिले में गर्भवती गायों और भैंसों की सेहत सुधारने तथा दूध की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से एक पशु पर छह बोरी फीड 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। इस लाभ के लिए केवल बीपीएल परिवार पात्र हैं।
हालांकि, क्षेत्र के पशुपालकों का कहना है कि इस योजना में उनके साथ भेदभाव हो रहा है। बीपीएल श्रेणी के सामान्य वर्ग के पशुपालकों को केवल एक पशु पर ही छह बोरी फीड का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अनुसूचित जाति के बीपीएल धारकों को दो पशु होने पर 12 बोरी फीड का अनुदान मिल रहा है। क्षेत्र के किसानों और पशुपालकों कृष्ण चंद, संजय कुमार, गणेश दत्त, रामपाल, रक्षा देवी तथा मोहन लाल का कहना है कि बीपीएल श्रेणी में वही लोग आते हैं जो आर्थिक रूप से अति कमजोर हैं। ऐसे में एक ही श्रेणी में आते हुए सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति के पशुपालकों में अंतर करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर जातिवाद समाप्त करने की बात करती है, दूसरी ओर गरीबों के बीच ही दो वर्ग बनाकर भेदभाव कर रही है। यदि कोई बीपीएल परिवार है तो उसे समान लाभ मिलना चाहिए। बीपीएल श्रेणी के सामान्य वर्ग पशुपालकों को भी एक गाय और एक भैंस दोनों पर अनुदान मिलना चाहिए।
इस बारे में पशु चिकित्सक डॉ. पंकज राणा का कहना है कि विभाग सरकार और उच्च अधिकारियों के आदेशों के तहत ही काम करता है तथा सभी योजनाओं को निर्देशानुसार अमल में लाया जाता है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
नारी (ऊना)। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के तहत जिले में गर्भवती गायों और भैंसों की सेहत सुधारने तथा दूध की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से एक पशु पर छह बोरी फीड 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। इस लाभ के लिए केवल बीपीएल परिवार पात्र हैं।
हालांकि, क्षेत्र के पशुपालकों का कहना है कि इस योजना में उनके साथ भेदभाव हो रहा है। बीपीएल श्रेणी के सामान्य वर्ग के पशुपालकों को केवल एक पशु पर ही छह बोरी फीड का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अनुसूचित जाति के बीपीएल धारकों को दो पशु होने पर 12 बोरी फीड का अनुदान मिल रहा है। क्षेत्र के किसानों और पशुपालकों कृष्ण चंद, संजय कुमार, गणेश दत्त, रामपाल, रक्षा देवी तथा मोहन लाल का कहना है कि बीपीएल श्रेणी में वही लोग आते हैं जो आर्थिक रूप से अति कमजोर हैं। ऐसे में एक ही श्रेणी में आते हुए सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति के पशुपालकों में अंतर करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर जातिवाद समाप्त करने की बात करती है, दूसरी ओर गरीबों के बीच ही दो वर्ग बनाकर भेदभाव कर रही है। यदि कोई बीपीएल परिवार है तो उसे समान लाभ मिलना चाहिए। बीपीएल श्रेणी के सामान्य वर्ग पशुपालकों को भी एक गाय और एक भैंस दोनों पर अनुदान मिलना चाहिए।
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इस बारे में पशु चिकित्सक डॉ. पंकज राणा का कहना है कि विभाग सरकार और उच्च अधिकारियों के आदेशों के तहत ही काम करता है तथा सभी योजनाओं को निर्देशानुसार अमल में लाया जाता है।