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साइबर क्राइम का जाल पढ़े-लिखों का भी कर रहा शिकार : एएसपी

Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
Updated Fri, 14 Nov 2025 06:17 PM IST
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Cybercrime is preying on educated people too: ASP
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पुलिस की पाठशाला
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बोले- अपनी निजी जानकारी और अनजाने लिंक पर क्लिक न करके ही बचाव संभव



संवाद न्यूज एजेंसी



डोहगी (ऊना)। आईआरबी थर्ड बटालियन बनगढ़ के एएसपी मनोज जमवाल ने कहा कि साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी रूप में ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहा है। उन्होंने बताया कि पढ़ा-लिखा और जागरूक वर्ग भी साइबर अपराधियों के जाल में तेजी से फंस रहा है। एएसपी मनोज जमवाल अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से पीएआर पब्लिक स्कूल डोहगी में शुक्रवार को आयोजित पुलिस की पाठशाला में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
कहा कि आकर्षक ऑफरों और झूठे प्रलोभनों में फंसकर लोग अनजाने में अपनी निजी जानकारी साझा कर देते हैं, जिससे साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर आवश्यकता से अधिक निजी जानकारी डालना भी लोगों को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि साइबर अपराध से बचने का सबसे बड़ा उपाय है। स्वयं जागरूक बनना, किसी अनजान व्यक्ति से निजी जानकारी साझा न करना और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने से इससे बचा जा सकता है।
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एएसपी जमवाल ने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाते हुए कहा कि यदि आसपास कोई नशे से संबंधी गतिविधि होती दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने आश्वस्त किया कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
ट्रैफिक नियमों पर उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी किशोर वाहन न चलाए। यदि नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा जाता है और कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसके अभिभावक भी कानूनी कार्रवाई की जद में आएंगे। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के प्रश्न भी लिए गए और उन्हें कॅरिअर संबंधी मार्गदर्शन भी दिया गया।
पुलिस की पाठशाला में विद्यार्थियों ने क्या सीखा
आज हमने सीखा कि सड़क पार करते समय हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए। यदि ज़ेब्रा क्रॉसिंग न हो तो दोनों ओर देखकर सावधानी से सड़क पार करनी चाहिए। -हिमानी
मैंने सीखा कि नाबालिग की ओर से बाइक या स्कूटी चलाना कानूनन गलत है। इससे खुद की और दूसरों की जान को खतरा होता है। ऐसे में माता-पिता पर भी जुर्माना लग सकता है। -रजत
मैंने जाना कि हाईवे पर ज्यादातर हादसे तेज़ रफ्तार के कारण होते हैं। इसलिए गति सीमा का पालन करना बहुत जरूरी है। हेलमेट और सीट बेल्ट हमारी सुरक्षा ढाल हैं। -मुकुल उपमन्यु

मैंने सीखा कि हेलमेट केवल बाइक सवारों के लिए नहीं, बल्कि स्कूटी चलाने वालों के लिए भी अनिवार्य है। साथ ही चलते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे ध्यान भटकता है। -उत्कर्ष
मैंने सीखा कि यदि कोई व्यक्ति तेज़ रफ्तार या गलत तरीके से वाहन चला रहा हो तो इसकी जानकारी पुलिस हेल्पलाइन या नजदीकी थाने में दी जा सकती है। पुलिस हमारी सुरक्षा मित्र है। -संजना शर्मा
पुलिस की पाठशाला से हमें यह भी सीखने को मिला कि महिलाएं कैसे सशक्त और आत्मविश्वासी बन सकती हैं। सबसे पहले उनमें आत्मविश्वास होना आवश्यक है। -ज्योति राणा
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