Supreme Court: ईडन गार्डन्स विज्ञापन टैक्स विवाद में CAB को 'सुप्रीम' राहत, कोर्ट ने KMC की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल को राहत देते हुए कोलकाता नगर निगम की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप के उद्घाटन और सेमीफाइनल मैच के दौरान ईडन गार्डन्स में लगे विज्ञापनों पर 51.18 लाख रुपये टैक्स की मांग की गई थी।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल को एक मामले में बड़ी राहत दी है। इसके तहत सर्वोच्च न्यायलय ने शुक्रवार को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान ईडन गार्डन्स में लगाए गए विज्ञापनों पर 51.18 लाख रुपये टैक्स वसूलने की मांग को चुनौती दी गई थी। यह मांग नोटिस 27 मार्च 1996 को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) को जारी किया गया था।
बता दें कि 1996 वर्ल्ड कप के उद्घाटन समारोह (11 फरवरी 1996) और सेमीफाइनल मैच (13 मार्च 1996) के दौरान ईडन गार्डन्स में लगाए गए विज्ञापनों पर केएमसी ने सीएबी से टैक्स मांगते हुए नोटिस जारी किया था। इसके बाद सीएबी ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
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हाई कोर्ट का फैसला
मामले में 2015 में कलकत्ता हाईकोर्ट के एक सिंगल जज ने नोटिस रद्द कर दिया था। जून 2024 में हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी कहा कि ईडन गार्डन्स पब्लिक प्लेस नहीं है, इसलिए विज्ञापन टैक्स नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जब किसी जगह पर आम जनता की एंट्री शर्तों के साथ हो, तो वह सार्वजनिक स्थान नहीं माना जाता।
डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि ईडन गार्डन्स का मालिक रक्षा मंत्रालय है और सीएबी इसे लीज पर चलाता है, इसलिए यहां लगाए गए विज्ञापन आम जनता के लिए स्वतः दिखाई देने वाले नहीं माने जाएंगे। इसके बाद केएमसी इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ले गई, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए निगम की याचिका खारिज कर दी। इस तरह, सीएबी को 51.18 लाख रुपये के विज्ञापन टैक्स से राहत मिल गई है।
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