मुस्लिम समाज में तलाक की कुरीति को सुधारने के लिए 50,000 महिलाएं और पुरुष सामने आए हैं। इन सब ने 'तीन तलाक' पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक याचिका पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन(बीएमएमए) इस याचिका को लेकर आंदोलन चला रही है और लोगों तक इसे पहुंचा रही है। बीएमएमए ने राष्ट्रीय महिला आयोग से इस 'तीन तलाक' के कुरीति को खत्म करने में सहयोग करने की अपील की है।
बीएमएमए की सह-संस्थापक जाकिया सोमन ने कहा कि हस्ताक्षर अभियान को कई राज्यों में चल रहा था। इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
इस अभियान में 50,000 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर 'तीन तलाक' की कुरीति को खत्म करने की बात कही है। आने वाले समय में इस हस्ताक्षर अभियान से और ज्यादा लोग जुड़ सकते हैं।
सोमन ने बताया कि हमने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. ललिथा कुमारमंगलम को पत्र लिखकर महिलाओं की लंबे समय से चल रही समस्या को दूर करने के लिए कहा है।
तलाक को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमे मोबाइल फोन, मैसेज और ईमेल के जरिए तलाक दे दिया गया। इस्लाम में मुंहजुबानी तलाक देने की प्रक्रिया को भी सही नही बताया है।
मुस्लिम समाज में तलाक की कुरीति को सुधारने के लिए 50,000 महिलाएं और पुरुष सामने आए हैं। इन सब ने 'तीन तलाक' पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक याचिका पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन(बीएमएमए) इस याचिका को लेकर आंदोलन चला रही है और लोगों तक इसे पहुंचा रही है। बीएमएमए ने राष्ट्रीय महिला आयोग से इस 'तीन तलाक' के कुरीति को खत्म करने में सहयोग करने की अपील की है।
बीएमएमए की सह-संस्थापक जाकिया सोमन ने कहा कि हस्ताक्षर अभियान को कई राज्यों में चल रहा था। इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
इस अभियान में 50,000 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर 'तीन तलाक' की कुरीति को खत्म करने की बात कही है। आने वाले समय में इस हस्ताक्षर अभियान से और ज्यादा लोग जुड़ सकते हैं।
सोमन ने बताया कि हमने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा डॉ. ललिथा कुमारमंगलम को पत्र लिखकर महिलाओं की लंबे समय से चल रही समस्या को दूर करने के लिए कहा है।
तलाक को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमे मोबाइल फोन, मैसेज और ईमेल के जरिए तलाक दे दिया गया। इस्लाम में मुंहजुबानी तलाक देने की प्रक्रिया को भी सही नही बताया है।