एअर इंडिया की बड़ी लापरवाही: बिना AR सर्टिफिकेट के विमान ने भरी कई उड़ानें, DGCA ने किया ग्राउंड; जांच शुरू
DGCA: एअर इंडिया के एक A320 नियो विमान द्वारा बिना एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट के आठ रूट्स पर उड़ान भरने का मामला सामने आया है। डीजीसीए ने विमान को तुरंत ग्राउंड कर दिया और जांच शुरू की है। यह विमान पहले विस्तारा बेड़े में शामिल था।
विस्तार
एअर इंडिया के एक A320 नियो विमान के बिना जरूरी उड़ान योग्यता सर्टिफिकेशन के कई रूट्स पर उड़ान भरने का गंभीर मामला सामने आया है। विमानन नियामक डीजीसीए ने इस घटना को बेहद संवेदनशील मानते हुए जांच शुरू कर दी है। विमान को तत्काल ग्राउंड कर दिया गया है और जिम्मेदार कर्मचारियों को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है। यह मामला सुरक्षा मानकों को लेकर बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।
डीजीसीए के मुताबिक एअर इंडिया ने 26 नवंबर को जानकारी दी कि A320 नियो विमान ने आठ रेवेन्यू सेक्टर्स पर ऐसे समय उड़ान भरी, जब उसका एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट यानी एआर सर्टिफिकेट खत्म हो चुका था। एआरसी किसी भी विमान के मेंटेनेंस रिकॉर्ड, उसकी फिजिकल हालत और सभी मानकों के पालन की व्यापक जांच के बाद सालाना जारी किया जाता है। यह विमान के मुख्य सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्दीनेस की मान्यता को प्रमाणित करता है।
जांच की स्थिति और कार्रवाई
डीजीसीए ने तुरंत जांच बैठा दी और ऑपरेटर को विमान ग्राउंड करने का आदेश दिया। नियामक ने एअर इंडिया को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सिस्टम में ऐसी खामियां कैसे सामने आईं, इसकी पूरी आंतरिक जांच हो और भविष्य में ऐसी गलतियों को रोकने के लिए ठोस सुधार लागू किए जाएं। एआरसी प्रक्रिया अभी जारी है और संबंधित कर्मचारियों को तुरंत डेरोस्टर कर दिया गया है।
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एअर इंडिया मर्जर का संदर्भ
यह विमान पहले विस्तारा के बेड़े में शामिल था, जिसे नवंबर 2024 में टाटा समूह की एअर इंडिया में मर्ज किया गया था। डीजीसीए ने यह भी स्पष्ट किया कि विस्तारा-एअर इंडिया विलय के बाद जिस पहले एआरसी का नवीनीकरण होना था, उसे नियामक खुद करेगा। मर्जर के बाद 69 विमानों का एआरसी डीजीसीए द्वारा जारी किया जा चुका है।
जांच में ये आया सामने
जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष बताते हैं कि 70वें विमान के एआरसी नवीनीकरण के लिए आवेदन डीजीसीए को दिया गया था। लेकिन उसी दौरान विमान का इंजन बदलाव के लिए ग्राउंड किया गया। इस अवधि में एआरसी की समयसीमा समाप्त हो गई। इसके बावजूद इंजन बदलने के बाद विमान को फिर से उड़ान के लिए छोड़ दिया गया, जबकि एआरसी नवीनीकरण नहीं हुआ था। डीजीसीए का कहना है कि यह एअर इंडिया की गंभीर प्रशासनिक चूक है।
नियमों का अनुपालन
डीजीसीए का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी और आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। नियामक ने साफ किया है कि एयरवर्दीनेस से जुड़ी कोई भी चूक सीधे यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी होती है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एअर इंडिया से कहा गया है कि वह अपने आंतरिक तंत्र को मजबूत करे, प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए और हर विमान के एआरसी संबंधित रिकॉर्ड को अपडेट रखे।
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