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Sanchar Saathi: प्राइवेसी विवाद के बीच के संचार साथी एप ने डाउनलोड में तोड़ा रिकॉर्ड, ऐप स्टोर पर नंबर-1

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Tue, 09 Dec 2025 02:59 PM IST
सार

विपक्ष लगातार संचार साथी ऐप के जरिए सरकरार पर जासूसी करने का आरोप लगा रहा था। इस विवाद के बवजूद लोगों से इसे अपने फोन में डाउनलोड करना जारी रखा है। यह ऐप ऐप स्टोर पर नंबर-1 पर है। 

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Amid privacy controversy Sanchar Saathi app broke download records and became No. 1 on the App Store
संचार साथी एप - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश में विपक्षी दलों और लोगों के भारी विरोध के बाद दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने सभी मोबाइल फोन में संचार साथी एप पहले से इंस्टॉल करने का अपना आदेश वापस ले लिया है। लेकिन, इसका नतीजा यह हुआ कि जो एप पहले नजरअंदाज किया जा रहा था। अब वह ऐप सुर्खियों में आ गया है।

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सेंसर टावर के ताज़ा डेटा के विश्लेषण में सामने आता है, संचार साथी एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ गई है। 29 नवंबर तक यह एप भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली लिस्ट में 127 वें नंबर पर था, लेकिन महज तीन दिनों में दो दिसंबर को यह एपल एप स्टोर पर गूगल जेमिनाई और चैट जीपीटी जैसे बड़े प्लेटफॉर्म को पछाड़कर नंबर-1 पर पहुंच गया। इसमें खास बात यह है कि सरकार ने तीन दिसंबर को प्री-इंस्टॉल करने आदेश वापस ले लिया, इसके बावजूद ऐप अभी भी शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि संचार साथी एप को लेकर अचानक बढ़ी दिलचस्पी की वजह गोपनीयता पर छिड़ी बहस है। प्राइवेसी से जुड़े संभावित खतरे सामने आने के बाद लोगों में एप को लेकर जिज्ञासा बढ़ी और इसका सीधा असर डाउनलोड संख्या पर दिखा। इसी बीच कुछ विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार के निर्देश का समर्थन दिखाने के लिए भाजपा समर्थकों ने भी बड़ी संख्या में एप डाउनलोड किए था। इसी वजह से डाउनलोड में यह तेजी दिख रही है। लेकिन यह तेज़ी फिलहाल अस्थाई है।

इसके अलावा गूगल प्ले स्टोर पर भी संचार साथी एप ने तेज उछाल दर्ज किया गया है। एक दिसंबर को यह एप सभी कैटेगरी में 122वें स्थान पर था। लेकिन सिर्फ दो दिन में ही इसकी लोकप्रियता बढ़कर तीन दिसंबर को यह 15वें नंबर पर पहुंच गई थी। उत्पादकता श्रेणी में भी एप का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।जहां 1 दिसंबर को यह 15वें स्थान पर था, वहीं 3 दिसंबर को यह दूसरी पोजीशन पर पहुंच गया और अब लगातार टॉप स्लॉट में बना हुआ है।

संचार साथी एप को लेकर पूरा विवाद 28 नवंबर को शुरू हुआ, जब दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल फोन निर्माताओं को एक आदेश जारी किया था। इसमें कंपनियों को भारत में बेचे जाने वाले सभी नए मोबाइल फोन के साथ-साथ मौजूदा हैंडसेटों में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए एप इंस्टॉल करना कंपलसरी कर दिया था।

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