Naxal: माओवाद पर प्रहार, 1825 दिन में मारे गए 1106 नक्सली, 7311 हुए गिरफ्तार तो 5571 नक्सलियों ने किया सरेंडर
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई रणनीति के तहत 'माओवाद' पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। 2019 से लेकर अब तक 1106 नक्सली मारे गए हैं। इसके अलावा 7311 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। वहीं, 5571 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 2014 से अब तक 9588 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बनाई गई रणनीति के तहत 'माओवाद' पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। 2019 से लेकर अब तक 1106 नक्सली मारे गए हैं। इसके अलावा 7311 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं और 5571 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। 2014 से अब तक 9588 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें से 2167 आत्मसमर्पण, इसी वर्ष हुए हैं। सरकार की ओर से उठाई गई विभिन्न पहलों के अच्छे परिणामों के चलते 2010 के हिंसक घटनाओं के सर्वाधिक स्तर की तुलना में वर्ष 2024 में 81 फीसदी की कमी आई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि वामपंथी उग्रवादी को न तो भारत के संविधान में विश्वास है, न ही भारत के लोकतंत्र में विश्वास है। भारत राष्ट्र के संस्थापक सिद्धांतों पर इनको कोई भरोसा नहीं है। इन वामपंथी उग्रवादियो ने हजारो-हजार निर्दोष लोगों की हत्या की है। हजारों बच्चों को अनाथ किया है और हजारों महिलाओं का सुहाग उजाड़ा है।
वामपंथी उग्रवाद की समस्या वर्ष 1967 से चली आ रही है। एक समय था जब पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक का पूरा क्षेत्र 'रेड कॉरिडोर' कहलाता था। अब वह क्षेत्र सिमट कर थोड़ा बहुत ही बचा है। प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व और गृहमंत्री के सफल मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो जाएगा। पहले की सरकारें, वामपंथी उग्रवाद को राज्य की समस्या मानती थीं, जिसके कारण केन्द्र ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ कोई ठोस नीति नहीं बनाई थी। मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ एक समग्र और प्रभावी ठोस नीति बनाई। जहां केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद का सफाया करने का संकल्प लिया तो वहीं राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाने के लिए कदम आगे बढ़ाया।
मोदी सरकार ने इस हिंसक उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई। चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण अपनाते हुए एक समग्र नीति एवं कार्ययोजना बनाई। इसके तहत विभिन्न सुरक्षा एवं विकास कार्य किए गए हैं। नक्सल प्रभावित राज्यों को आवश्यकतानुसार सीएपीएफ बटालियन मुहैया कराई गई हैं। वर्तमान में 574 कंपनियां, वामपंथी उग्रवाद क्षेत्र में तैनात हैं।
- सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अंतर्गत 3523 करोड़ रुपये मंजूर हुए
- विशेष अवसंरचना योजना के अंतर्गत 1,757 करोड़ रुपये दिए गए
- विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत 3,848 करोड़ रुपये स्वीकृत
- एसीएएलडब्लूईएमएस के अंतर्गत 1218 करोड़ दिए गए
- सिविक कार्रवाई कार्यक्रम के तहत 210 करोड़ रुपये मंजूर
- 706 किलेबंद पुलिस स्टेशनों की अनुमति दी गई
- प्रशिक्षण की उत्तम तथा समुचित व्यवस्था की गई।
- 1143 युवाओं की भर्ती कर सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन का गठन किया गया
- 20 हजार 815 करोड़ रुपये की स्वीकृति, इससे 17 हजार 573 किमी सड़कों के निर्माण होगा। 85 फीसदी कार्य पूर्ण
- 10,651 मोबाइल टावर लगाए गए।
- 496 करोड़ की लगत से 46 आईटीआई और 49 कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए
- 11 केन्द्रीय विद्यालय, छह नवोदय विद्यालय, 258 एकलव्य आदर्श विद्यालय की स्वीकृति
- 6 हजार 25 डाकघर, 1804 बैंक ब्रांच और 1321 एटीएम खोले गए।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास की योजना ...
सरकार के सुरक्षा तंत्र और आसूचना तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए किए गए प्रयासों के फलस्वरूप जून 2019 से अब तक 29 टॉप नक्सली लीडर मारे गए हैं। इनमें से इसी वर्ष 14 सीसीएम/पीबीएम न्यूट्रलाइज्ड किए गए। यह दर्शाता है कि हमारे सुरक्षा बलों के साथ भिड़ने की इनकी क्षमता पूरी तरह क्षीण हो गई है। इनके पास अब हथियार के साथ सरेंडर करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। आत्मसमर्पण करने वाले वामपंथी उग्रवादियों को तत्काल अनुदान एवं अन्य वित्तीय सहायता दी जा रही हैं, जैसे उच्च कैडर को पांच लाख, अन्य कैडर को 2.50 लाख, हथियार के साथ आत्मसमर्पण पर अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन तथा प्रशिक्षण के लिए 3 वर्षों तक 10 हजार मासिक वजीफा दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय ने राज्यों को प्रोत्साहित करके उनकी पुनर्वास नीतियां बनवाई हैं। इनमें भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं के कन्वर्जेन्स को भी सुनिश्चित किया गया है।
- पीड़ित परिवार के बच्चों को निशुल्क शिक्षा/ छात्रावास, संस्थानों में प्रवेश में वरीयता और शिक्षण संस्थानों में छात्रवृति दी जा रही है
- घायल या अपंग व्यक्तियों को राहत राशि, मुफ्त उपचार, कृषि भूमि/आवासीय भूमि की सहायता, रोजगार/ औद्योगिक अनुदान, दिव्यांगजन योजनाओं में प्राथमिकता।
- महिलाओं को राहत राशि, योजनाओं में प्राथमिकता, कुटीर उद्योग से रोजगार व बाजार सुविधा, बाजार में निशुल्क दुकान/सुविधा, निशुल्क कौशल प्रशिक्षण।
- पुलिस सहयोगियों को राहत राशि, कृषि भूमि/आवासीय भूमि की सहायता , राज्य सरकार में नौकरी/अनुदान, डीडीयू आवास योजना में 2% आरक्षण, निशुल्क कौशल प्रशिक्षण आदि।
- यह हमारे लिए हर्ष की बात है कि प्रभावशाली पुनर्वास नीति का लाभ अब तक इस वर्ष में 2167 माओवादियों द्वारा लिया जा चुका है। इन्हें अब मुख्य धारा में शामिल किया जा रहा है। इससे शेष बचे काडर को भी मुख्य धारा में शामिल होने की प्रेरणा मिल रही है।