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Sheikh Hasina: 'भारत के प्रति यूनुस की दुश्मनी आत्मघाती', बोलीं शेख हसीना; बांग्लादेश लौटने की शर्त भी बताई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: नितिन गौतम Updated Wed, 12 Nov 2025 12:08 PM IST
सार

भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आए तनाव को लेकर शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार देशवासियों और खासकर बांग्लादेश की महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। भारत हमेशा से हमारे देश का सबसे अहम दोस्त रहा है और आगे भी रहेगा। 

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bangladesh former pm sheikh hasina interview said mohammad yunus hostility to India foolish self-defeating
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनके बांग्लादेश लौटने की पहली शर्त सहभागी लोकतंत्र की बहाली है। पूर्व पीएम ने ये भी कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की भारत के प्रति दुश्मनी बेवकूफी और आत्मघाती है। उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुत गहरे हैं और ये यूनुस के बेवकूफी भरे अंतराल के बावजूद मजबूत रह सकते हैं। 
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'भारत से संबंध बिगाड़ना यूनुस की बेवकूफी'
भारत में एक अज्ञात स्थान से न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत हमेशा से बांग्लादेश का सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय साझेदार रहा है। उन्होंने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया कि भारत से संबंध बिगाड़ना मोहम्मद यूनुस की बेवकूफी है और यह कूटनीतिक तौर पर आत्मघाती कदम है। शेख हसीना ने कहा कि 'यूनुस की भारत के प्रति दुश्मनी बेवकूफी भरी और आत्मघाती है। इससे पता चलता है कि वह कितने कमजोर, गैर निर्वाचित, अराजक राजा हैं, जो कट्टरपंथियों के समर्थन पर निर्भर हैं।' शेख हसीना ने कहा कि 'मैं उम्मीद करती हूं कि वे मंच छोड़ने से पहले बहुत ज्यादा कूटनीतिक गलतियां नहीं करेंगे।' 
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भारत और बांग्लादेश के संबंधों में आए तनाव को लेकर शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार देशवासियों और खासकर बांग्लादेश की महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। भारत हमेशा से हमारे देश का सबसे अहम दोस्त रहा है और आगे भी रहेगा। 

शेख हसीना ने बांग्लादेश लौटने की शर्त रखी
शेख हसीना ने भारत में शरण देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वे भारत और इसके लोगों की मेहमाननवाजी की शुक्रगुजार हैं, साथ ही उन्होंने अपने बांग्लादेश लौटने की शर्त भी बताई। उन्होंने कहा 'मेरे बांग्लादेश लौटने की सबसे जरूरी शर्त वही है, जो बांग्लादेश के लोग भी चाहते हैं। बांग्लादेश में सहभागी लोकतंत्र की वापसी होनी चाहिए। अंतरिम सरकार को अवामी लीग पार्टी पर लगे प्रतिबंध को हटाना होगा और ये सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव निष्पक्ष, समावेशी और मुक्त तरीके से हों।' 

शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद कट्टरपंथियों का गढ़ बन रहा बांग्लादेश
शेख हसीना, बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाली नेता हैं। बीते साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में हिंसक छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वे भारत आ गईं थी। इसके बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार सत्ता संभाल रही है, लेकिन अंतरिम सरकार में भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव चल रहा है। मोहम्मद यूनुस कई बार भारत विरोधी बयानबाजी कर चुके हैं। साथ ही मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के कट्टरपंथियों का समर्थन कर रहे हैं और पाकिस्तान के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। 

हिंसक विरोध प्रदर्शनों को काबू न कर पाने की चूक स्वीकारी
इंटरव्यू के दौरान जब शेख हसीना से पूछा गया कि क्या वे हिंसक छात्र आंदोलन को संभाल पाने में असफल रहीं? तो इस पर पूर्व पीएम ने कहा कि 'बेशक, हम हालात पर नियंत्रण नहीं रख सके और हमें इसका दुख है। इस घटना से सीखने के लिए कई सबक हैं। लेकिन कुछ जिम्मेदारी उन कथित छात्र नेताओं (असल में वे उग्र राजनेता हैं) को भी लेनी चाहिए, जिन्होंने लोगों की भीड़ को उकसाया।'

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'अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुकदमे का सामने करने को तैयार'
शेख हसीना ने उनके द्वारा बांग्लादेश के आगामी चुनाव के बहिष्कार की अपील करने की रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से अलग रखना गलत है। उन्होंने कहा कि 'अवामी लीग पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए और हम चाहे सरकार में रहें या विपक्ष में, अवामी लीग बांग्लादेश की राजनीति का हिस्सा बने रहना चाहती है।' बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने मोहम्मद यूनुस को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में अपने खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि 'मोहम्मद यूनुस अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मेरे खिलाफ मुकदमा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि अगर वे ऐसा करेंगे तो अदालत मुझे बरी कर देगी।' बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण अदालत में अपने खिलाफ मुकदमा चलाए जाने को शेख हसीना ने खारिज कर दिया और इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने इसे कंगारू न्यायाधिकरण बताया और कहा कि उनके राजनीतिक विरोधी इसे नियंत्रित करते हैं। 

शेख हसीना का बड़ा आरोप- कुछ पश्चिमी नेताओं ने मोहम्मद यूनुस का किया समर्थन
बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने दावा किया कि 'मोहम्मद यूनुस को कुछ पश्चिमी उदारवादियों का परोक्ष समर्थन मिला हुआ था। उन्होंने गलती से सोचा कि मोहम्मद यूनुस भी उनमें से एक हैं, लेकिन अब जब उन्होंने यूनुस को अपने मंत्रिमंडल में कट्टरपंथियों को शामिल करते, अल्पसंख्यकों से भेदभाव करते और संविधान को तबाह करते देखा है तो उम्मीद है कि वे अपना समर्थन वापस ले लेंगे।'


 
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