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Bihar Election: बिहार चुनाव के बाद महाविकास अघाड़ी में तकरार, शिवसेना UBT ने कांग्रेस पर फोड़ा हार का ठीकरा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: हिमांशु चंदेल Updated Fri, 14 Nov 2025 06:31 PM IST
सार

शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी वही राजनीतिक गलतियां दोहराईं। सीट बंटवारे में देरी, नेतृत्व की अस्पष्टता और कमजोर चुनावी तैयारी को उन्होंने महागठबंधन की हार का मुख्य कारण बताया।

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Bihar Election Shiv Sena UBT blames Congress for Bihar defeat says seat-sharing spoiled game
शिवसेना यूबीटी नेता दानवे - फोटो : X- @iambadasdanve
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महागठबंधन की करारी हार के बीच शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा है। पार्टी नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने बिहार में वही गलती दोहराई, जो उसने महाराष्ट्र में की थी। उनका कहना है कि कांग्रेस की अनिर्णय की स्थिति, सीटों की अनावश्यक मांग और नेतृत्व के मुद्दों पर अस्पष्ट रुख ने दोनों राज्यों में गठबंधन की संभावनाओं को कमजोर किया है।
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दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस ने पहले ही उदय ठाकरे को सीएम चेहरा घोषित करने का समर्थन नहीं किया। उनका आरोप है कि वही गलती बिहार में भी दोहराई गई, जहां कांग्रेस ने सीट बंटवारे को अंतिम समय तक अटकाए रखा और महागठबंधन को एक स्पष्ट नेतृत्व नहीं दे पाई। इसी वजह से बिहार में एनडीए लगभग 200 सीटों पर बढ़त हासिल कर ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है।
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सीटें ज्यादा, जीत कम- दानवे का तंज
अंबादास दानवे ने कहा कि कांग्रेस हर चुनाव में गठबंधन से बड़ी संख्या में सीटें मांगती है, लेकिन उसके उम्मीदवार जीत नहीं पाते, जिससे पूरे गठबंधन का प्रदर्शन गिर जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को महाराष्ट्र से सबक लेना चाहिए था, जहां एमवीए को 288 में से सिर्फ 46 सीटें मिली थीं, जबकि महायुति को जनता ने भारी समर्थन देकर 230 सीटें दी थीं। दानवे के अनुसार, कांग्रेस की रणनीति न महागठबंधन को लाभ पहुंचा सकी और न ही अपने संगठन को मजबूत कर पाई।

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बिहार में महागठबंधन की हार के कारणों पर दावा
दानवे ने कहा कि बिहार में उम्मीदवारों की घोषणा और सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच बातचीत नामांकन के आखिरी दिन तक चलती रही। ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने एक राजनीतिक माहौल बनाया था, लेकिन महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को आधिकारिक तौर पर सीएम चेहरा घोषित करने में देरी की। दानवे का यह भी दावा है कि मतदाता सूची की गड़बड़ियों और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे आरोपों के बावजूद कांग्रेस और राजद ने चुनावी तैयारी में पर्याप्त गंभीरता नहीं दिखाई।

‘कांग्रेस छोड़कर महायुति में आ जाइए’- भाजपा सांसद कराड
भाजपा ने दानवे के बयान को तुरंत भुनाया। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. भगवत कराड ने कहा कि एमवीए की हार का मूल कारण यह है कि उसे जनता का समर्थन ही नहीं है। कराड ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने हिन्दुत्व को छोड़ा, इसलिए जनता ने उन्हें भी छोड़ दिया।

कराड ने शिवसेना (यूबीटी) को खुला सुझाव दिया कि कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर महायुति में शामिल हो जाए। हालांकि कराड ने साफ किया कि गठबंधन तय करने का अधिकार उनके पास नहीं है, लेकिन भाजपा किसी भी दल का स्वागत करेगी जो पार्टी लाइन पर चलने को तैयार हो।
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