महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम से जुड़े रहस्य से अब पर्दा उठने लगा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से महाराष्ट्र में गठित हुई नई सरकार से जुड़ी बड़ी जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया है कि महाराष्ट्र में जिस रणनीति पर काम हुआ उसकी पल-पल की जानकारी भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को दी जा रही थी। इतना ही नहीं केंद्रीय नेतृत्व ने 90 फीसदी फैसले फडणवीस पर ही छोड़ दिया था। इसलिए फडणवीस महाराष्ट्र में बीते 15 दिनों से चल रही पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे और फूंक-फूंक कर कदम रख रहे थे। सूत्रों ने बताया कि फडणवीस सरकार से बाहर रहकर शिंदे सरकार के समर्थन देना चाहते थे लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान का सम्मान करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया था। सूत्रों ने आगे कहा कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करने के बाद फडणवीस को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था।
फडणवीस ने पीएम मोदी के कॉल के बाद ली थी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ
सूत्रों के अनुसार देवेंद्र फडणवीस किसी तरह का पद लेना नहीं चाहते थे लेकिन अंतिम समय में पीएम मोदी का दो बार कॉल आया और वे टाल नहीं सके। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान का सम्मान करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया था। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर फडणवीस से अपील की थी।
केंद्रीय नेतृत्व को भी पता नहीं था कि फडणवीस सीएम नहीं बनेंगे
पार्टी के एक शीर्ष नेता ने समचार एजेंसी एएनआई को बताया कि फडणवीस को कोई निर्देश नहीं दिया गया था और किसी को भी नहीं पता था कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। फडणवीस के अचानक लिए गए फैसले से केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ खुद शिंदे भी चौंक गए थे।
फडणवीस ने वफादार पार्टी कैडर की भूमिका निभाई: सूत्र
सूत्रों ने कहा कि फडणवीस एक शीर्ष प्रशासक और एक ईमानदार नेता रहे हैं, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व को जब पता चला कि उन्होंने एक आश्चर्यजनक घोषणा की है, उन्हें कुछ घंटों के भीतर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एएनआई को बताया कि देवेंद्र एक वफादार पार्टी कैडर रहे हैं, जो रैंकों से ऊपर उठे हैं और इसलिए वह सिस्टम में अनुशासन को समझते हैं। सूत्रों ने भी फडणवीस की प्रशंसा की और कहा कि यह नेता के रूप में उनके नेतृत्व का कारण था। फडणवीस के कारण महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी हाल ही में तीसरी राज्यसभा सीट जीतने में सफल रही और राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर तख्तापलट भी किया।
विस्तार
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम से जुड़े रहस्य से अब पर्दा उठने लगा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से महाराष्ट्र में गठित हुई नई सरकार से जुड़ी बड़ी जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया है कि महाराष्ट्र में जिस रणनीति पर काम हुआ उसकी पल-पल की जानकारी भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को दी जा रही थी। इतना ही नहीं केंद्रीय नेतृत्व ने 90 फीसदी फैसले फडणवीस पर ही छोड़ दिया था। इसलिए फडणवीस महाराष्ट्र में बीते 15 दिनों से चल रही पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे और फूंक-फूंक कर कदम रख रहे थे। सूत्रों ने बताया कि फडणवीस सरकार से बाहर रहकर शिंदे सरकार के समर्थन देना चाहते थे लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान का सम्मान करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया था। सूत्रों ने आगे कहा कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करने के बाद फडणवीस को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था।
फडणवीस ने पीएम मोदी के कॉल के बाद ली थी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ
सूत्रों के अनुसार देवेंद्र फडणवीस किसी तरह का पद लेना नहीं चाहते थे लेकिन अंतिम समय में पीएम मोदी का दो बार कॉल आया और वे टाल नहीं सके। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान का सम्मान करने के लिए उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया था। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्विटर पर फडणवीस से अपील की थी।
केंद्रीय नेतृत्व को भी पता नहीं था कि फडणवीस सीएम नहीं बनेंगे
पार्टी के एक शीर्ष नेता ने समचार एजेंसी एएनआई को बताया कि फडणवीस को कोई निर्देश नहीं दिया गया था और किसी को भी नहीं पता था कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे। फडणवीस के अचानक लिए गए फैसले से केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ खुद शिंदे भी चौंक गए थे।
फडणवीस ने वफादार पार्टी कैडर की भूमिका निभाई: सूत्र
सूत्रों ने कहा कि फडणवीस एक शीर्ष प्रशासक और एक ईमानदार नेता रहे हैं, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व को जब पता चला कि उन्होंने एक आश्चर्यजनक घोषणा की है, उन्हें कुछ घंटों के भीतर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया था। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एएनआई को बताया कि देवेंद्र एक वफादार पार्टी कैडर रहे हैं, जो रैंकों से ऊपर उठे हैं और इसलिए वह सिस्टम में अनुशासन को समझते हैं। सूत्रों ने भी फडणवीस की प्रशंसा की और कहा कि यह नेता के रूप में उनके नेतृत्व का कारण था। फडणवीस के कारण महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी हाल ही में तीसरी राज्यसभा सीट जीतने में सफल रही और राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर तख्तापलट भी किया।