असम में लगातार बाढ़ से हालात बिगड़ रहे हैं। अब तक 21 से अधिक जिलों के 950 गांव बाढ़ की चपेट में हैं जिसके कारण करीब 3.63 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक दो मासूमों की बाढ़ में बहने से मौत हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। अब तक वहां एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गई हैं।
असम आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य के 21 से ज्यादा जिलों के 950 गांव में पानी घुस गया है। सरकारी तथ्यों के अनुसार बरपेटा जिले के चेंगा और मोरीगांव के मायोंग में एक-एक बच्चे की बाढ़ में बह जाने की वजह से मौत हो गई। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम को बाढ़ से निपटने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जाना। स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले भी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूं।
आंकड़ों के अनुसार, 2,56,144 मवेशी व अन्य पशु प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण सड़कों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह घरों को भी नुकसान की खबर है। वहीं, मायोंग पोबितरा वन्यजीव अभयारण्य में भी पानी घुस गया है। इधर, बरपेटा, बिश्वनाथ और नलबाड़ी समेत कई जगहों पर भूकटाव की भी खबरें हैं। दुनिया की सबसे बड़ी नदी द्वीप माजुली भी बाढ़ की चपेट में है।
बरपेटा से तिनसुकिया तक बाढ़ की चपेट में
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसीएमए) के अनुसार राज्य के बरपेटा, बिश्वनाथ, कछार, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, पश्चिम कार्बी आंग्लांग, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, शोणितपुर, दक्षिण सालमारा और तिनसुकिया जिले का अधिकांश हिस्सा बाढ़ की चपेट में है।
राहत बचाव कार्य जारी
एएसीएमए के आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर के विभिन्न जिलों से रविवार तक 1619 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। बचाव दल लोगों को राहत शिविरों में ले जा रहे हैं।
30 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल नष्ट
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक राज्यभर में करीब 30,333.36 हेक्टेयर कृषि भूमि के बाढ़ की चपेट में आने के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं।
विस्तार
असम में लगातार बाढ़ से हालात बिगड़ रहे हैं। अब तक 21 से अधिक जिलों के 950 गांव बाढ़ की चपेट में हैं जिसके कारण करीब 3.63 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक दो मासूमों की बाढ़ में बहने से मौत हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। अब तक वहां एनडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गई हैं।
असम आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य के 21 से ज्यादा जिलों के 950 गांव में पानी घुस गया है। सरकारी तथ्यों के अनुसार बरपेटा जिले के चेंगा और मोरीगांव के मायोंग में एक-एक बच्चे की बाढ़ में बह जाने की वजह से मौत हो गई। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम को बाढ़ से निपटने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जाना। स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले भी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूं।
आंकड़ों के अनुसार, 2,56,144 मवेशी व अन्य पशु प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण सड़कों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह घरों को भी नुकसान की खबर है। वहीं, मायोंग पोबितरा वन्यजीव अभयारण्य में भी पानी घुस गया है। इधर, बरपेटा, बिश्वनाथ और नलबाड़ी समेत कई जगहों पर भूकटाव की भी खबरें हैं। दुनिया की सबसे बड़ी नदी द्वीप माजुली भी बाढ़ की चपेट में है।
बरपेटा से तिनसुकिया तक बाढ़ की चपेट में
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसीएमए) के अनुसार राज्य के बरपेटा, बिश्वनाथ, कछार, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, पश्चिम कार्बी आंग्लांग, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, शोणितपुर, दक्षिण सालमारा और तिनसुकिया जिले का अधिकांश हिस्सा बाढ़ की चपेट में है।
राहत बचाव कार्य जारी
एएसीएमए के आंकड़ों के मुताबिक राज्यभर के विभिन्न जिलों से रविवार तक 1619 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। बचाव दल लोगों को राहत शिविरों में ले जा रहे हैं।
30 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल नष्ट
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक राज्यभर में करीब 30,333.36 हेक्टेयर कृषि भूमि के बाढ़ की चपेट में आने के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं।