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GDP: 'विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए हर साल 10% जीडीपी ग्रोथ जरूरी', बोले CII के अध्यक्ष
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sun, 06 Jul 2025 03:05 PM IST
सार
सीआईआई अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लिए हर साल 10% नाममात्र जीडीपी ग्रोथ जरूरी है। उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से बड़े बाजार और तकनीकी सहयोग मिलने की उम्मीद जताई। सरकार और आरबीआई के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था स्थिर है और इस साल 6.5% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है।
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सीआईआई के अध्यक्ष राजीव मेमानी
- फोटो : X-@rajivmemani
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विस्तार
भारत अगर 2047 तक 'विकसित भारत' का सपना पूरा करना चाहता है, तो इसके लिए हर साल औसतन 10 प्रतिशत नाममात्र जीडीपी ग्रोथ जरूरी होगी। यह बात देश के उद्योग संगठन सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कही है।
नाममात्र जीडीपी यानी देश में बनने वाले सारे सामान और सेवाओं की कीमत को मौजूदा बाजार दरों पर मापा जाता है। इसमें महंगाई को समायोजित नहीं किया जाता, जबकि असली जीडीपी में महंगाई का असर कम करके देखा जाता है।
विकसित भारत के लक्ष्य के लिए तेज ग्रोथ जरूरी
राजीव मेमानी ने कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देशों की कतार में शामिल होना है, तो अगले 20 साल तक 10 फीसदी के करीब नाममात्र जीडीपी ग्रोथ जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा स्थिति अच्छी है, लेकिन उसे और मजबूत करना होगा।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से मिलेगी मदद
सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। इससे भारत को बड़ा बाजार मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो श्रम आधारित हैं। साथ ही तकनीक के ट्रांसफर, संयुक्त उपक्रमऔर नई साझेदारियों का रास्ता खुलेगा।
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व्यापार समझौते से दूर होगी अनिश्चितता
राजीव मेमानी ने कहा कि इस समझौते से बाजार में बनी अनिश्चितता खत्म होगी। इससे व्यापारियों और कंपनियों को भविष्य को लेकर स्पष्ट दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे भारत में निवेश बढ़ेगा और नई नौकरियों के अवसर बनेंगे।
भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत, लेकिन सावधानी जरूरी
सीआईआई के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.4 से 6.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह घरेलू मांग में मजबूती है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव भारत की ग्रोथ में जोखिम भी पैदा कर सकता है।
ये भी पढ़ें: बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं महुआ, EC के फैसले को दी चुनौती
सरकार का पक्ष: भारत की स्थिति स्थिर और मजबूत
सरकार ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति फिलहाल स्थिर और मजबूत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है। सरकार के मुताबिक पूंजी बाजार, बैंकिंग सेक्टर और कॉर्पोरेट सेक्टर की स्थिति अच्छी बनी हुई है, जिससे देश आगे बढ़ रहा है।
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नाममात्र जीडीपी यानी देश में बनने वाले सारे सामान और सेवाओं की कीमत को मौजूदा बाजार दरों पर मापा जाता है। इसमें महंगाई को समायोजित नहीं किया जाता, जबकि असली जीडीपी में महंगाई का असर कम करके देखा जाता है।
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विकसित भारत के लक्ष्य के लिए तेज ग्रोथ जरूरी
राजीव मेमानी ने कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देशों की कतार में शामिल होना है, तो अगले 20 साल तक 10 फीसदी के करीब नाममात्र जीडीपी ग्रोथ जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा स्थिति अच्छी है, लेकिन उसे और मजबूत करना होगा।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से मिलेगी मदद
सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। इससे भारत को बड़ा बाजार मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो श्रम आधारित हैं। साथ ही तकनीक के ट्रांसफर, संयुक्त उपक्रमऔर नई साझेदारियों का रास्ता खुलेगा।
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व्यापार समझौते से दूर होगी अनिश्चितता
राजीव मेमानी ने कहा कि इस समझौते से बाजार में बनी अनिश्चितता खत्म होगी। इससे व्यापारियों और कंपनियों को भविष्य को लेकर स्पष्ट दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे भारत में निवेश बढ़ेगा और नई नौकरियों के अवसर बनेंगे।
भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत, लेकिन सावधानी जरूरी
सीआईआई के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.4 से 6.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह घरेलू मांग में मजबूती है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव भारत की ग्रोथ में जोखिम भी पैदा कर सकता है।
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सरकार का पक्ष: भारत की स्थिति स्थिर और मजबूत
सरकार ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति फिलहाल स्थिर और मजबूत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया है। सरकार के मुताबिक पूंजी बाजार, बैंकिंग सेक्टर और कॉर्पोरेट सेक्टर की स्थिति अच्छी बनी हुई है, जिससे देश आगे बढ़ रहा है।