पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस की ओर से कथित तौर पर जारी वीडियो क्लीप दरअसल इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) केपुराने आतंकी सफी अरमार ने तैयार की थी। अरमार फिलहाल सीरिया में बैठा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से आईएम को फिर से संगठित करने का काम कर रहा है। आईएसआईएस केनाम पर युवकों को संगठित करने की मुहिम के तहत ही उसने वीडियो में आईएम के उन लड़कों की तस्वीर लगाई थी। ताकि युवकों को इस तरफ आकर्षित किया जा सके।
खुफिया एजेंसी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि इस तरह के वीडियो बनाने की कोशिश पिछले आठ महीने से चल रही थी। आईएसआईएस मामले की जांच कर रही खुफिया एजेंसी इस नतीजे पर पहुंची है कि 2008 में आईएम की कमर टूटने के बाद उसके भागे हुए आतंकी फिर से जुडने की कोशिश में है। इसमें आईएसआई एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय है। इस काम के लिए सीरिया में बैठा सफी अरमार अहम मोहरा साबित हो रहा है।
अरमार 2008 के आसपास नेपाल- पाकिस्तान- अफगानिस्तान के रास्ते सीरिया पहुंच कर आईएसआईएस का स्वयंभू गुर्गा बन गया। सूत्रों के मुताबिक वह युवकों पर आईएसआईएस के लिए नहीं बल्कि आईएम को मजबूत करने के लिए डोरे डाल रहा है। सूत्रों ने बताया कि अरमार को शुरु में कुछ सफलता जरुर मिली। लेकिन अब अंदरुनी हालात बदल गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इसी बौखलाहट में आईएसआई की मदद से अरमार ने वह वीडियो तैयार की ताकि पुराने लड़कों के हीरो वाले इमेज दिखा कर नए लड़कों को आकर्षित किया जाए। इधर नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और खुफिया तंत्र पूरे ऑपरेशन पर पैनी नजर रख रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का समर्थन किया है कि देश में आईएसआईएस का खतरा उतना गंभीर नहीं है। यह दरअसल आईएम को फिर से जिंदा करने की कोशिश है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस के कथित आतंकी नासेर पाकिर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए ने पाकिर को दिसंबर 2016 में गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि भारतीय मुस्लिम युवाओं की सीरिया व इराक में आईएस की लड़ाई के लिये भर्ती करने की साजिश में शामिल था।
पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए जज के समक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। कोर्ट ने चार्जशीट पर सुनवाई के लिये नौ जून की तारीख तय की है। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए के मुताबिक पाकिर भारत व विदेशों में अपने सहयोगियों से संपर्क करने के लिये इंटरनेट सोशल साइट व सोशल ग्रुप का इस्तेमाल करता था।
बता दें कि नासेर पाकिर को 5 अक्तूबर 2015 को उस समय पकड़ा गया था जब वह पहचान छिपाकर आईएस में शामिल होने सीरिया जा रहा था। इसके बाद उसे 10 दिसंबर 2015 को भारत डीपोर्ट कर दिया गया था। एनआईए ने पाकिर के खिलाफ अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम व भारतीय दंड संहिता की धाराएं लगाई हैं। अदालत ने अगली तारीख तक पाकिर की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
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पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस की ओर से कथित तौर पर जारी वीडियो क्लीप दरअसल इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) केपुराने आतंकी सफी अरमार ने तैयार की थी। अरमार फिलहाल सीरिया में बैठा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से आईएम को फिर से संगठित करने का काम कर रहा है। आईएसआईएस केनाम पर युवकों को संगठित करने की मुहिम के तहत ही उसने वीडियो में आईएम के उन लड़कों की तस्वीर लगाई थी। ताकि युवकों को इस तरफ आकर्षित किया जा सके।
खुफिया एजेंसी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि इस तरह के वीडियो बनाने की कोशिश पिछले आठ महीने से चल रही थी। आईएसआईएस मामले की जांच कर रही खुफिया एजेंसी इस नतीजे पर पहुंची है कि 2008 में आईएम की कमर टूटने के बाद उसके भागे हुए आतंकी फिर से जुडने की कोशिश में है। इसमें आईएसआई एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय है। इस काम के लिए सीरिया में बैठा सफी अरमार अहम मोहरा साबित हो रहा है।
अरमार 2008 के आसपास नेपाल- पाकिस्तान- अफगानिस्तान के रास्ते सीरिया पहुंच कर आईएसआईएस का स्वयंभू गुर्गा बन गया। सूत्रों के मुताबिक वह युवकों पर आईएसआईएस के लिए नहीं बल्कि आईएम को मजबूत करने के लिए डोरे डाल रहा है। सूत्रों ने बताया कि अरमार को शुरु में कुछ सफलता जरुर मिली। लेकिन अब अंदरुनी हालात बदल गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इसी बौखलाहट में आईएसआई की मदद से अरमार ने वह वीडियो तैयार की ताकि पुराने लड़कों के हीरो वाले इमेज दिखा कर नए लड़कों को आकर्षित किया जाए। इधर नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और खुफिया तंत्र पूरे ऑपरेशन पर पैनी नजर रख रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का समर्थन किया है कि देश में आईएसआईएस का खतरा उतना गंभीर नहीं है। यह दरअसल आईएम को फिर से जिंदा करने की कोशिश है।