कांग्रेस कार्यसमिति में सरदार पटेल पर कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा के बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे देख उन्होंने अपने बयान को लेकर सफाई देनी शुरू कर दी है। तारिक ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा, मैंने एक प्रमुख अखबार में पढ़ा कि किस तरह मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। अब ये देखना जरूरी है कि इन बातों को बाहर किसने फैलाया, ये एक गंभीर मामला है।
तारिक की सफाई
तारिक कर्रा ने सफाई देते हुए कहा, मैंने कहा था कि पंडित नेहरू ने इस बात पर जोर डाला था कि जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाया जाए। वो नहीं चाहते थे कि इसे पाकिस्तान जैसा धार्मिक राज्य कहा जाए। जबकि सरदार पटेल ने कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान को मिलता है तो जूनागढ़ और हैदराबाद के संबंध में बातचीत हो सकती है।
लेकिन पंडित नेहरू इससे सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा था कि हम नहीं चाहते कि भारत को भी पाकिस्तान की तरह धार्मिक देश की तरह देखा जाए। मैंने ये बात उस संदर्भ में कही थी जब आजादी के समय दो राष्ट्र सिद्धांत को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, 16 अक्तूबर को हुई कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा ने कश्मीर को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू की भूमिका पर भी बात की। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैठक में कर्रा ने कहा था कि जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर को हिंदुस्तान में मिलाने का काम किया जबकि सरदार पटेल, जिन्ना के साथ मिलकर कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपना चाहते थे। हालांकि, सीडब्ल्यूसी के कुछ सदस्यों ने कर्रा की बात पर हस्तक्षेप किया। उन्हें याद दिलाया कि पटेल भारत के एकीकरण में योगदान वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष थे।
विस्तार
कांग्रेस कार्यसमिति में सरदार पटेल पर कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा के बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे देख उन्होंने अपने बयान को लेकर सफाई देनी शुरू कर दी है। तारिक ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा, मैंने एक प्रमुख अखबार में पढ़ा कि किस तरह मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। अब ये देखना जरूरी है कि इन बातों को बाहर किसने फैलाया, ये एक गंभीर मामला है।
तारिक की सफाई
तारिक कर्रा ने सफाई देते हुए कहा, मैंने कहा था कि पंडित नेहरू ने इस बात पर जोर डाला था कि जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाया जाए। वो नहीं चाहते थे कि इसे पाकिस्तान जैसा धार्मिक राज्य कहा जाए। जबकि सरदार पटेल ने कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान को मिलता है तो जूनागढ़ और हैदराबाद के संबंध में बातचीत हो सकती है।
लेकिन पंडित नेहरू इससे सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा था कि हम नहीं चाहते कि भारत को भी पाकिस्तान की तरह धार्मिक देश की तरह देखा जाए। मैंने ये बात उस संदर्भ में कही थी जब आजादी के समय दो राष्ट्र सिद्धांत को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी।
ये है पूरा मामला
दरअसल, 16 अक्तूबर को हुई कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा ने कश्मीर को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल और जवाहर लाल नेहरू की भूमिका पर भी बात की। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बैठक में कर्रा ने कहा था कि जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर को हिंदुस्तान में मिलाने का काम किया जबकि सरदार पटेल, जिन्ना के साथ मिलकर कश्मीर को पाकिस्तान को सौंपना चाहते थे। हालांकि, सीडब्ल्यूसी के कुछ सदस्यों ने कर्रा की बात पर हस्तक्षेप किया। उन्हें याद दिलाया कि पटेल भारत के एकीकरण में योगदान वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष थे।
Jammu and Kashmir Congress leader Tariq Hameed surrounded by statement on Sardar Patel, now gave this clarification