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Karnataka: कर्नाटक में कामकाजी महिलाओं के लिए एक दिन का मासिक अवकास अनिवार्य, सरकार ने जारी किया आदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:11 PM IST
सार
Karnataka: कर्नाटक सरकार ने एक आदेश जारी कर 18 से 52 वर्ष की उम्र की सभी कामकाजी महिलाओं के लिए हर महीने एक दिन का मासिक अवकाश अनिवार्य किया है। यह आदेश स्थायी, संविदा और ठेके पर काम करने वाली महिलाओं पर लागू होगा।
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सिद्धारमैया
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत 18 से 52 वर्ष की उम्र की सभी कामकाजी महिलाओं को हर महीने एक दिन का मासिक अवकाश दिया जाएगा। यह आदेश स्थायी, संविदा और ठेके पर काम करने वाली महिलाओं पर लागू होगा। राज्य कैबिनेट ने पिछले महीने मासिक अवकाश नीति को मंजूरी दी थी।
सरकारी आदेश में कहा गया, संबंधित नियोक्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे 18 से 52 वर्ष की उम्र की सभी स्थायी, संविदा और ठेके पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को उनके मासिक धर्म के दौरान प्रति वर्ष 12 दिन का वेतनभोगी अवकाश (यानी प्रति माह एक दिन) प्रदान करें।
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आदेश में आगे कहा गया, यह नीति उन महिलाओं पर लागू होती है जो सभी उद्योगों और प्रतिष्ठानों में काम करती हैं, जो कारखाना अधिनियम, 1948; कर्नाटक दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961; बागान श्रमिक अधिनियम, 1951; बीड़ी और सिगार श्रमिक (रोजगार की शर्तें) अधिनियम, 1966; और मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत हैं। इसका उद्देश्य उनकी सेहत, कार्यकुशलता, प्रदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाना है। आदेश के अनुसार, महिला कर्मचारियों को मासिक अवकाश उसी महीने में ही लेना होगा और इसे अगले महीने में नहीं लिया जा सकता।
इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि मासिक अवकाश पाने के लिए महिला कर्मचारी को हर महीने किसी मेडिकल प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
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सरकारी आदेश में कहा गया, संबंधित नियोक्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे 18 से 52 वर्ष की उम्र की सभी स्थायी, संविदा और ठेके पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को उनके मासिक धर्म के दौरान प्रति वर्ष 12 दिन का वेतनभोगी अवकाश (यानी प्रति माह एक दिन) प्रदान करें।
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आदेश में आगे कहा गया, यह नीति उन महिलाओं पर लागू होती है जो सभी उद्योगों और प्रतिष्ठानों में काम करती हैं, जो कारखाना अधिनियम, 1948; कर्नाटक दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961; बागान श्रमिक अधिनियम, 1951; बीड़ी और सिगार श्रमिक (रोजगार की शर्तें) अधिनियम, 1966; और मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत हैं। इसका उद्देश्य उनकी सेहत, कार्यकुशलता, प्रदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाना है। आदेश के अनुसार, महिला कर्मचारियों को मासिक अवकाश उसी महीने में ही लेना होगा और इसे अगले महीने में नहीं लिया जा सकता।
इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि मासिक अवकाश पाने के लिए महिला कर्मचारी को हर महीने किसी मेडिकल प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
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