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Maharashtra: IAS अफसर पर बिना अधिकार 20 करोड़ का चेक जारी करने के आरोप, विधानसभा में गूंजा मुद्दा; जानिए विवाद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Tue, 09 Dec 2025 02:37 PM IST
सार

महाराष्ट्र विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे को लकर जोरदार बहस हुई। हंगाने को देखते हुए सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

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Maharashtra IAS officer accused of issuing a cheque for 20 crore rupees without authority
महाराष्ट्र विधान भवन - फोटो : Wikipedia
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विस्तार
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महाराष्ट्र विधानसभा में 9 दिसंबर मंगलवार को आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे पर तीखी बहस हुई। BJP विधायकों ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ आरोप लगाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सदन में यह मुद्दा उठाते हुए, BJP विधायक कृष्ण खोपड़े ने आरोप लगाया कि 2020 में, मुंढे ने बिना ज़रूरी मंज़ूरी के 20 करोड़ रुपये के चेक जारी किए थे। सीएम फडणवीस ने  कहा कि सरकार सभी पहलुओं की जांच करेगी।

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विधायक कृष्ण खोपड़े ने लगाया आरोप 

सदन में यह मुद्दा उठाते हुए, BJP विधायक कृष्ण खोपड़े ने आरोप लगाया कि 2020 में, मुंढे ने बिना जरूरी मंजूरी के 20 करोड़ रुपये के चेक जारी किए थे। उन्होंने आगे कहा, "मुंढे के दो समर्थकों ने मुझे धमकी दी, और चेतावनी दी कि अगर मैंने उनके खिलाफ बात की तो मुझे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। मैंने सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ऑफिस को भी इसकी जानकारी दी है।"
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मुंढे पर अपनी मर्जी से काम करने का आरोप

मुंढे अभी दिव्यांग कल्याण विभाग में कमिश्नर के तौर पर काम कर रहे हैं। खोपड़े के दावे का समर्थन करते हुए, BJP विधायक प्रवीण दटके ने कहा, "मुंडे ने एक महिला कर्मचारी की छुट्टी कैंसिल कर दी थी, जब उसने सिर्फ़ पांच दिन पहले बच्चे को जन्म दिया था। यहां तक कि अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने भी उनके कई फैसलों को कैंसिल कर दिया था। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।"

कांग्रेस ने किया मुंडे का समर्थन

बहस में हिस्सा लेते हुए, पार्टी के कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मुंडे पर पहले भी कई बार पूछताछ हुई है, लेकिन उन्हें कभी दोषी नहीं ठहराया गया। वडेट्टीवार ने कहा, "21 ट्रांसफर के बावजूद, किसी भी जांच में उन पर कोई आरोप नहीं लगा। यहां तक कि नेशनल कमीशन फॉर विमेन को भी कुछ गलत नहीं मिला। इसके उलट, जिन महिला कर्मचारियों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी, उन पर जुर्माना लगाया गया।"

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