महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव: मतगणना 3 दिसंबर के बजाय 21 दिसंबर को कराएं, निर्वाचन आयोग को हाईकोर्ट का फरमान
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश पारित किया है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि मतगणना तीन दिसंबर को नहीं, 21 दिसंबर को कराएं। मुकदमे पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने साफ किया कि 20 दिसंबर तक एग्जिट पोल भी नहीं होना चाहिए। जानिए पीठ के इस आदेश के मायने
विस्तार
महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर के बजाय 21 दिसंबर को कराई जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग को हाईकोर्ट ने जो निर्देश दिया है इसके मुताबिक अब निकाय चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले तक यानी 20 दिसंबर तक एग्जिट पोल भी नहीं किया जाएगा। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील फिरदौस मिर्जा के हवाले से आई पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना 21 दिसंबर तक टाल दी है।
सीएम फडणवीस ने SEC की आलोचना की, वोटों की गिनती टालने पर भी सवाल उठाए
राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को अदालत के इस फैसले के बाद कहा, राज्य के 24 अन्य निकायों में चुनाव 20 दिसंबर तक टाल दिए गए हैं। केवल इस आधार पर मतगणना को टालना ठीक नहीं। फडणवीस ने कहा, 'मुझे यह सही नहीं लगता कि 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में वोटों की गिनती, सिर्फ इसलिए टाली जानी चाहिए क्योंकि 24 अन्य लोकल निकायों में चुनाव 20 दिसंबर तक टाल दिए गए हैं।'
ये भी पढ़ें- Congress v BJP: खरगे हेराल्ड मामले में नई FIR पर भड़के, कहा- अदालत प्राथमिकी के पीछे छिपी राजनीति जरूर समझेगी
सांविधानिक और स्वतंत्र संस्थाओं के आदेश का पालन होना चाहिए
उन्होंने एक बार फिर उस फैसले की आलोचना की, जिसके तहत राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने 24 निकायों में चुनाव टाल दिया। निर्वाचन आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए सीएम फडणवीस ने कहा, आयोग ने कानून की गलत व्याख्या की है। फैसले पर असहमति जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, SEC और कोर्ट दोनों स्वतंत्र संस्थाएं हैं। उनके आदेशों का पालन किया जाना चाहिए।
ये भी पढ़ें- SC: 'आपराधिक मामले में जमानत के लिए समानता का सिद्धांत ही एकमात्र आधार नहीं', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
हाईकोर्ट के आदेश पर भाजपा की टिप्पणी
मतगणना टालने के उच्च न्यायालय के आदेश पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) ने 'कानूनों की गलत व्याख्या' की है। यही कारण है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना 21 दिसंबर तक टाल दी है। बावनकुले ने कहा, SEC कानूनों का गलत मतलब निकाल रहा है और बिना किसी आधार के चुनाव टाल रहा है। उन्होंने कहा, राज्य के किसी भी हिस्से से चुनाव टालने की कोई मांग नहीं आई थी। इसके बावजूद, SEC ने चुनावों में देरी की, जिसके कारण हाई कोर्ट को दखल देना पड़ा।
चुनाव आयोग कोई भी ऑल-पार्टी मीटिंग नहीं कर पाया
मंत्री ने कहा SEC के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब चुनाव या गिनती पर इस तरह से रोक लगाई गई हो। बावनकुले ने कहा, ऐसे फैसले सरकार को मंजूर नहीं हैं। इससे सभी पार्टियों के नेता नाराज हैं। उन्होंने दावा किया कि SEC कोई भी ऑल-पार्टी मीटिंग नहीं कर पाया है। इससे मतदाताओं के सामने भी दिक्कतें खड़ी हो रही हैं। उन्होंने पूछा, कौन सा राजनीतिक दल 21 दिसंबर को काउंटिंग चाहता है? हम कल रिजल्ट चाहते हैं। क्या महाराष्ट्र में कोई ऐसा दल है जो 21 तारीख को रिजल्ट चाहता है? भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने कई मौकों पर खुद SEC को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। सात से आठ बार बात करने के बावजूद कोई बात नहीं मानी गई।
सुप्रीम कोर्ट में अपील करना SEC का अधिकार
बावनकुले ने कहा, 'हमने SEC को दिखाया कि वह कैसे कानूनों का गलत मतलब निकाल रहा है, फिर भी हर बात को गलत तरीके से लिया गया।' क्या हाईकोर्ट के ऑर्डर को चुनौती दी जाएगी? इस सवाल पर बावनकुले ने कहा, इसका फैसला निर्वाचन आयोग को करना है। सुप्रीम कोर्ट में अपील करना SEC का अधिकार है। आयोग को कोई हल निकालना ही चाहिए। उन्होंने कहा, यह अच्छा नहीं है कि राजनीतिक दल मेहनत करें, कैंपेन चलाएं और आयोग अचानक चुनाव टाल दे।
SEC पदाधिकारियों ने खुद को जवाबदेही से ऊपर मान लिया
उन्होंने चुनाव टालने का आरोप लगाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की और कहा कि सरकार पर लगाए गए तमाम आरोप गलत हैं। बावनकुले ने आयोग को ऑटोनॉमस बॉडी बताया और कहा, इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है। यह अफरा-तफरी जैसी स्थिति है और कमीशन को इसे जल्द सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 35 साल के सार्वजनिक जीवन में उन्होंने ऐसा कुप्रबंधन कभी नहीं देखा।' भाजपा नेता ने कहा, 'वे खुद कई कलेक्टरों और SEC अधिकारियों से बात कर चुके हैं। कोई भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं था। ऐसा लगता है कि SEC पदाधिकारियों ने खुद को जवाबदेही से ऊपर मान लिया है।
संबंधित वीडियो
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.