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Rajya Sabha: कफ सिरप कांड के बाद केंद्र सरकार ने बढ़ाई सख्ती, 700 से अधिक कंपनियों का किया जा रहा गहन ऑडिट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 02 Dec 2025 06:11 PM IST
सार
हाल ही में कफ सिरफ पीने से बच्चों की मौत के मामले में केंद्र सरकार ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया है। सरकार ने साफ कहा है कि दवाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बाजार में पहुंचने से पहले सिरप की जांच प्रक्रिया और कड़ी कर दी गई है ताकि इस तरह की दुर्घटनाएं दोबारा न हों।
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राज्यसभा की कार्यवाही (फाइल फोटो)
- फोटो : ANI
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विस्तार
बच्चों की मौत के मामलों में खांसी की दूषित दवा (कफ सिरप) को जिम्मेदार समझे जाने के बाद सरकार ने देशभर में कार्रवाई तेज कर दी है। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 700 से अधिक खांसी की दवा बनाने वाली कंपनियों की सख्त जांच और ऑडिट किया गया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लिखित जवाब में कहा कि बच्चों की संदिग्ध मौतों की सूचना मिलने के बाद जांच की प्रक्रिया तुरंत शुरू की गई।
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छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद केंद्र ने विशेषज्ञों की टीम भेजी थी। इस टीम में एपिडेमियोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एन्टोमोलॉजिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे। जांच के दौरान टीम ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स से 19 दवाओं के सैंपल लिए। इनमें से 15 दवाएं ठीक पाई गईं और चार दवाएं निम्न गुणवत्ता वाली निकलीं।
एक सिरप में जहरीला केमिकल पाया गया
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल की तरफ से बनाई गई 'कोल्डरिफ' नाम की सिरप में डाईइथलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नाम के जहरीले केमिकल की मात्रा 46.28% थी। यह वही सिरप है जिसे मौत का शिकार हुए बच्चों ने सेवन किया था।
कंपनी पर सख्त कार्रवाई
जांच के दौरान कंपनी के प्लांट में कई गंभीर खामियां मिलीं, जिसमें गंदगी और अस्वच्छ वातावरण दवा बनाने के नियमों का उल्लंघन शामिल हैं। इसके बाद कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। फिलहाल इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई और कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई।
प्रतिबंध और दवाओं की वापसी
इसके बाद जहां-जहां यह सिरप भेजा गया था, इसमें मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और पुड्डुचेरी शामिल हैं, इन राज्यों ने तुरंत दवा की सप्लाई पर रोक लगाई और बाजार में मौजूद स्टॉक वापस मंगाया।
यह भी पढ़ें - एअर इंडिया की बड़ी लापरवाही: बिना AR सर्टिफिकेट के विमान ने भरी कई उड़ानें, DGCA ने किया ग्राउंड; जांच शुरू
सभी राज्यों को अलर्ट, नए नियम लागू
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दो महत्वपूर्ण निर्देश भेजे। इसमें बच्चों में खांसी की दवाओं के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतें और दवाओं की टेस्टिंग के साथ-साथ निगरानी सख्ती से लागू करें। वहीं भारतीय फार्माकोपिया आयोग ने बड़ा बदलाव करते हुए यह नियम बनाया कि अब हर सिरप के बाजार में आने से पहले डीईजी और इथाइलीन ग्लाइकॉल की टेस्टिंग अनिवार्य होगी।
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छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद केंद्र ने विशेषज्ञों की टीम भेजी थी। इस टीम में एपिडेमियोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एन्टोमोलॉजिस्ट और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे। जांच के दौरान टीम ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स से 19 दवाओं के सैंपल लिए। इनमें से 15 दवाएं ठीक पाई गईं और चार दवाएं निम्न गुणवत्ता वाली निकलीं।
एक सिरप में जहरीला केमिकल पाया गया
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल की तरफ से बनाई गई 'कोल्डरिफ' नाम की सिरप में डाईइथलीन ग्लाइकोल (डीईजी) नाम के जहरीले केमिकल की मात्रा 46.28% थी। यह वही सिरप है जिसे मौत का शिकार हुए बच्चों ने सेवन किया था।
कंपनी पर सख्त कार्रवाई
जांच के दौरान कंपनी के प्लांट में कई गंभीर खामियां मिलीं, जिसमें गंदगी और अस्वच्छ वातावरण दवा बनाने के नियमों का उल्लंघन शामिल हैं। इसके बाद कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। फिलहाल इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई और कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई।
प्रतिबंध और दवाओं की वापसी
इसके बाद जहां-जहां यह सिरप भेजा गया था, इसमें मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और पुड्डुचेरी शामिल हैं, इन राज्यों ने तुरंत दवा की सप्लाई पर रोक लगाई और बाजार में मौजूद स्टॉक वापस मंगाया।
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सभी राज्यों को अलर्ट, नए नियम लागू
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को दो महत्वपूर्ण निर्देश भेजे। इसमें बच्चों में खांसी की दवाओं के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतें और दवाओं की टेस्टिंग के साथ-साथ निगरानी सख्ती से लागू करें। वहीं भारतीय फार्माकोपिया आयोग ने बड़ा बदलाव करते हुए यह नियम बनाया कि अब हर सिरप के बाजार में आने से पहले डीईजी और इथाइलीन ग्लाइकॉल की टेस्टिंग अनिवार्य होगी।
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