देशभर में तेजाब हमले के 1273 मामलों में से 799 में पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया। अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्यों से ऐसे मामलों में तत्काल ध्यान देने की मांग की है। 20 अक्तूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में सिर्फ 474 मामलों में ही मुआवजा दिया गया।
महिला आयोग ने राज्यों को ऐसे मामलों में तत्काल ध्यान देने को कहा
आयोग ने 24 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों और नोडल अधिकारियों के साथ ई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने तेजाब हमले की पीड़िताओं को मुआवजा नहीं मिलने पर चिंता जताई। उन्होंने नोडल अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे हमलों के मामले में पीड़िताओं की मदद करने वाली योजनाओं और कानूनों को कायम रखें, जैसे एनएएलएसए की महिलाओं के लिए मुआवजा योजना। इस योजना के तहत मामले की गंभीरता के अनुसार तीन से आठ लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि आयोग के प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पर अपडेट मामलों की संख्या सही नहीं है। क्योंकि ये राज्यों में हुई घटनाओं से मेल नहीं खाते। उन्होंने मामले को उन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के समक्ष उठाया है जहां एमआईएस पर तेजाब हमले के आंकड़ों को दर्ज करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, 1273 में 726 मामलों में राज्यों ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई है।
देशभर में तेजाब हमले के 1273 मामलों में से 799 में पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया। अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्यों से ऐसे मामलों में तत्काल ध्यान देने की मांग की है। 20 अक्तूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में सिर्फ 474 मामलों में ही मुआवजा दिया गया।
महिला आयोग ने राज्यों को ऐसे मामलों में तत्काल ध्यान देने को कहा
आयोग ने 24 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों और नोडल अधिकारियों के साथ ई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने तेजाब हमले की पीड़िताओं को मुआवजा नहीं मिलने पर चिंता जताई। उन्होंने नोडल अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे हमलों के मामले में पीड़िताओं की मदद करने वाली योजनाओं और कानूनों को कायम रखें, जैसे एनएएलएसए की महिलाओं के लिए मुआवजा योजना। इस योजना के तहत मामले की गंभीरता के अनुसार तीन से आठ लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जा सकता है।
शर्मा ने कहा कि आयोग के प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पर अपडेट मामलों की संख्या सही नहीं है। क्योंकि ये राज्यों में हुई घटनाओं से मेल नहीं खाते। उन्होंने मामले को उन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के समक्ष उठाया है जहां एमआईएस पर तेजाब हमले के आंकड़ों को दर्ज करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, 1273 में 726 मामलों में राज्यों ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई है।