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PM Narendra Modi government completes 8 years know how life changed from Morning Tea to Daily Food and DTH OTT Entertainent news and hindi
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Modi@8: सुबह की चाय से लंच तक, दफ्तर जाने से लेकर शाम के मनोरंजन तक, आठ साल में आपकी जिंदगी में क्या बदला?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जयदेव सिंह
Updated Thu, 26 May 2022 10:32 AM IST
सार
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Modi@8: आठ साल में ये सुबह आपके लिए कितनी बदली? आपके खाने की थाली में क्या बदला? आपके दफ्तर में क्या बदलाव हुआ? क्या आपने सोचा है। नहीं! तो आइए अब जानते हैं…
आठ साल में रोजमर्रा की चीजों में क्या बदला।
- फोटो : अमर उजाला
आज की सुबह देश में एक बदलाव के आठ साल पूरे होने की सुबह है। एक सरकार के आठ साल पूरे होने की सुबह है। इन आठ साल में ये सुबह आपके लिए कितनी बदली? आपके खाने की थाली में क्या बदला? आपके दफ्तर में क्या बदलाव हुआ? एंटरटेनमेंट के तरीके में क्या परिवर्तन आया? क्या आपने सोचा है। नहीं! तो आइए अब जानते हैं…
सुबह की चाय: दूध, चीनी से चायपत्ती तक... सबके दाम बढ़े
सुबह की चाय में लगने वाले दूध से लेकर चायपत्ती तक आठ साल में हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। 2014 में दूध 35.19 रुपये लीटर था, जो अब बढ़कर 51.56 रुपये लीटर हो गया है। यानी दूध के दाम में बीते आठ साल में 46 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ। चाय में पड़ने वाली चीनी 3,606 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 4,175 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है। चायपत्ती की कीमत 2014 में 201.89 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 284.25 रुपये प्रति किलो हो गई है।
45 फीसदी बढ़े आटा-दाल के भाव
26 मई 2014 को जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, उस दिन खुदरा बाजार में गेहूं 2,161रुपये क्विंटल था। यह 25 मई 2022 को 2,968 रुपये क्विंटल हो चुका है। आटा बीते आठ साल में 2300 रुपये से बढ़कर 3349 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है। 2014 में 2806 रुपये क्विंटल वाला चावल अब 3609 रुपये क्विंटल बिक रहा है। तुअर दाल 7078 रुपये क्विंटल से बढ़कर 10327 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यानी बीते आठ साल में आपकी थाली का बजट करीब 45 फीसदी बढ़ा है।
सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें।
- फोटो : अमर उजाला
कार की सवारी में भी बड़ा बदलाव
ऑफिस जाने के लिए आप जिस कार का इस्तेमाल करते हैं, उसमें इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल-डीजल के दाम में 35 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। 26 मई 2014 को दिल्ली में पेट्रोल 71.41 रुपये लीटर था, जो अब 96.76 रुपये लीटर पहुंच चुका है। डीजल के दाम 2014 में 56.71 रुपये लीटर थे, जो अब 89.66 रुपये लीटर बिक रहा है। आठ साल में पेट्रोल 35 फीसदी तो डीजल 58 फीसदी महंगा हुआ है।
कार से चलने के तरीके में भी बदलाव हुआ है। 2014 में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार मारुति ऑल्टो थी। उस वक्त बिक्री के मामले में ऑल्टो के बाद स्विफ्ट डिजायर, स्विफ्ट, वैगनआर, ह्युंदै आई-10 का नंबर आता था। अप्रैल 2022 में सबसे ज्यादा बिकने वाली पांच कारों में वैगनआर, मारुति अर्टिगा, टाटा नेक्सन, ह्युंदै क्रेटा और मारुति ब्रेजा शामिल थीं। इन पांच टॉप सेलिंग कारों में चार मिनी एसयूवी हैं, जबकि 2014 की टॉप सेलिंग पांच कारों में चार छोटी (हैचबैक) कारें थीं।
96 फीसदी सस्ता हो गया मोबाइल डाटा
भारत में डाटा का खर्च पिछले आठ साल में काफी तेजी से बढ़ा है। डाटा की खपत बढ़ने के साथ-साथ इसकी कीमत में भारी कमी आई है। साल 2014 के मुकाबले 2021 में प्रति जीबी डाटा खर्च 269 रुपये से घटकर 10.93 रुपये रह गया। डाटा सस्ता होने के साथ-साथ इंटरनेट की स्पीड भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। 2014 में भारत में इंटरनेट की स्पीड करीब 1.7 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड थी, जो अप्रैल 2022 तक 20.10 मेगाबाइट्स प्रति सेकंड पहुंच चुकी है। मोदी सरकार में दूरसंचार के क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आई। इसे आंकड़ों से समझा जाए तो 2014 में ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार घनत्व 44 फीसदी था, जो 2021 में 59 फीसदी हो गया।
आठ साल में 231 फीसदी इंटरनेट कनेक्शन
2014
2021
इजाफा
इंटरनेट कनेक्शन
25.15 करोड़
83.37 करोड़
231%
ब्रॉडबैंड कनेक्शन
6.1 करोड़
79 करोड़
1200%
मोबाइल कनेक्शन
93 करोड़
118.9 करोड़
28%
दूरसंचार घनत्व
75.23 फीसदी
86.89 फीसदी
11.66%
औसत मासिक डेटा खपत
61.66 एमबी
14 जीबी
22,605%
ओटीटी में कितनी बढ़ोतरी?
भारत में ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म की एंट्री पहली बार 2008 में हुई। उस वक्त रिलायंस एंटरटेनमेंट ने बिगफ्लिक्स प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। 2014 तक भारत में कुछ और ओटीटी एप्स की एंट्री हुई और इसके एक्टिव सब्सक्राइबर्स की संख्या 1.23 करोड़ तक पहुंच गई। यही वह दौर था, जब डिजिवाइव कंपनी ने नेक्सजीटीवी (nexGTv) के जरिए आईपीएल मैचों का लाइव प्रसारण शुरू किया। इसके अलावा जी के डिटो टीवी से लेकर सोनी लिव भी इसी दौर में लॉन्च होने वाले प्लेटफॉर्म रहे।
अब आठ साल बाद यानी 2022 में पारंपरिक मीडिया के उपभोक्ताओं में कमी आने का कारण ओटीटी सेवाओं को ही माना जा रहा है। दरअसल 2020-21 की अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट की मानें तो ओटीटी सेवाओं का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 50.3 करोड़ तक पहुंच चुकी है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पेमेंट के जरिए इन सेवाओं का इस्तेमाल करने वालों की संख्या कुल ओटीटी इस्तेमाल करने वालों का 10 फीसदी यानी पांच करोड़ के आसपास हो सकती है।
तेजी से घट रहे डीटीएच-केबल टीवी के कनेक्शन
भारत में डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) सेवाओं को नवंबर 2000 में मंजूरी मिली। देश में 2003 में डिश टीवी इस सेवा का पहला प्रदाता था। 31 मार्च 2014 तक भारत में डीटीएच कनेक्शन के लिए रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं की संख्या 6.48 करोड़ थी, जबकि इसके एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा 3.71 करोड़ था। इस दौरान केबल टीवी उपभोक्ताओं की संख्या करीब 9.90 करोड़ थी। 2021 के अंत तक देश में सक्रिय डीटीएच उपभोक्ताओं की संख्या 6.98 करोड़ रह गई, जबकि केबल टीवी उपभोक्ताओं का आंकड़ा 4.55 करोड़ पर आ गया।
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