कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पिछले दिनों ऑक्सीजन और अस्पताल के लिए मची दौड़ ने कई राज्यों में एक तरह से अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। ऐसे हालात से किसी को फिर न गुजरना पड़े और हर कोई जागरूक बने, इसके लिए आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के संग मिलकर अमर उजाला आज से पांच दिन तक रोजाना खास वेबिनार आयोजित करने जा रहा है। इसमें जाने माने विशेषज्ञ कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद के महत्व को समझाएंगे। 14 से 18 जून तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से होने वाले इस वेबिनार का अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।
इस वेबिनार का उद्देश्य है कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद किस तरह फायदेमंद हो सकता है, इसके बारे में लोगों को जागरूक करना। 'सेहत है संग तो जीतेंगे हर जंग' के ध्येय वाक्य के साथ हो रही वेबिनार में सोमवार, 15 जून को आयुर्वेद हॉस्पिटल और आयुष एडवाइजरी कमेटी के सदस्य राजीव वासुदेवन आयुर्वेद चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ ‘आयुर्वेद और स्वास्थ्य बीमा’ के बारे में जानकारी दी। वेबिनार में शामिल होने के लिए अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर क्लिक करें और पेज को लाइक, शेयर तथा सब्सक्राइब जरूर करें।
क्या बोले राजीव वासुदेवन
- करीब 3000 वर्षों से आयुर्वेद हमारी सेहत की देखभाल कर रहा है और इसने कोरोना के इलाज में भी अपनी भूमिका साबित की है।
- आजादी के संघर्ष के दौरान ही आयुर्वेद को हाशिये पर धकेल दिया गया। लेकिन अब फिर आयुर्वेद को प्रचलित करने पर काम हो रहा है।
- रोग के लक्षण ठीक करने में आधुनिक दवा पद्धति बहुत प्रभावी है, लेकिन आयुर्वेद न केवल लक्षण को बल्कि रोग को समाप्त करता है।
- एलोपैथी में दवाएं बनाने के लिए लाखों डॉलर का खर्च होता है। जबकि आयुर्वेद में कम खर्च में प्रभावी इलाज मुहैया कराया जा सकता है।
- कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने वाले लोगों की इम्यूनिटी को आयुर्वेद मजबूत कर सकता है और सुरक्षा दे सकता है।
- कोरोना वायरस संक्रमण के हल्के और मध्यम मरीजों का इलाज एलोपैथी के साथ आयुर्वेद का उपयोग करते हुए किया जा सकता है।
- हमने रोगों को अभी तक शारीरिक रूप से देखा है। लेकिन मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। आयुर्वेद इसी पर केंद्रित है।
- आयुर्वेदिक दवाएं लेने में भी सुनी-सुनाई बातों के आधार पर प्रयोग न करें। आहार में ऐसा भोजन शामिल करिए जो सुपाच्य हो।
विस्तार
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पिछले दिनों ऑक्सीजन और अस्पताल के लिए मची दौड़ ने कई राज्यों में एक तरह से अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। ऐसे हालात से किसी को फिर न गुजरना पड़े और हर कोई जागरूक बने, इसके लिए आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के संग मिलकर अमर उजाला आज से पांच दिन तक रोजाना खास वेबिनार आयोजित करने जा रहा है। इसमें जाने माने विशेषज्ञ कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद के महत्व को समझाएंगे। 14 से 18 जून तक प्रतिदिन शाम 5 बजे से होने वाले इस वेबिनार का अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।
इस वेबिनार का उद्देश्य है कोविड-19 के उपचार में आयुर्वेद किस तरह फायदेमंद हो सकता है, इसके बारे में लोगों को जागरूक करना। 'सेहत है संग तो जीतेंगे हर जंग' के ध्येय वाक्य के साथ हो रही वेबिनार में सोमवार, 15 जून को आयुर्वेद हॉस्पिटल और आयुष एडवाइजरी कमेटी के सदस्य राजीव वासुदेवन आयुर्वेद चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ ‘आयुर्वेद और स्वास्थ्य बीमा’ के बारे में जानकारी दी। वेबिनार में शामिल होने के लिए अमर उजाला के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर क्लिक करें और पेज को लाइक, शेयर तथा सब्सक्राइब जरूर करें।
क्या बोले राजीव वासुदेवन
- करीब 3000 वर्षों से आयुर्वेद हमारी सेहत की देखभाल कर रहा है और इसने कोरोना के इलाज में भी अपनी भूमिका साबित की है।
- आजादी के संघर्ष के दौरान ही आयुर्वेद को हाशिये पर धकेल दिया गया। लेकिन अब फिर आयुर्वेद को प्रचलित करने पर काम हो रहा है।
- रोग के लक्षण ठीक करने में आधुनिक दवा पद्धति बहुत प्रभावी है, लेकिन आयुर्वेद न केवल लक्षण को बल्कि रोग को समाप्त करता है।
- एलोपैथी में दवाएं बनाने के लिए लाखों डॉलर का खर्च होता है। जबकि आयुर्वेद में कम खर्च में प्रभावी इलाज मुहैया कराया जा सकता है।
- कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने वाले लोगों की इम्यूनिटी को आयुर्वेद मजबूत कर सकता है और सुरक्षा दे सकता है।
- कोरोना वायरस संक्रमण के हल्के और मध्यम मरीजों का इलाज एलोपैथी के साथ आयुर्वेद का उपयोग करते हुए किया जा सकता है।
- हमने रोगों को अभी तक शारीरिक रूप से देखा है। लेकिन मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। आयुर्वेद इसी पर केंद्रित है।
- आयुर्वेदिक दवाएं लेने में भी सुनी-सुनाई बातों के आधार पर प्रयोग न करें। आहार में ऐसा भोजन शामिल करिए जो सुपाच्य हो।
