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Sanchar Saathi: संचार साथी एप से पेगासस जैसी जासूसी का संदेह, विपक्षी नेता कर रहे केंद्र को घेरने की तैयारी
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 02 Dec 2025 12:52 PM IST
सार
विपक्ष संसद में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की भी योजना बना रहा है। अगर सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमत नहीं होती है तो संसद के बाहर और सड़क पर इसका विरोध किया जा सकता है।
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विस्तार
केंद्र सरकार ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को सभी नए स्मार्ट फोन में 'संचार साथी एप' इंस्टॉल करने का आदेश दिया है। इस एप से स्मार्ट फोन खोने पर उसे ब्लॉक करने और फर्जी-स्पैम कॉल करने वाले नंबरों को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है। लेकिन विपक्षी दलों को आशंका है कि सरकार इस नए एप के जरिए मोबाइल फोन में जासूसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर उनकी जासूसी करा सकती है। विपक्षी दल संचार साथी एप को अनिवार्य करने पर बड़े विरोध की तैयारी कर रहे हैं। यदि सभी विपक्षी दलों के बीच सहमति बनी तो यह विरोध का बड़ा मुद्दा बन सकता है। अभी जासूसी होने की आशंका के चलते केंद्र सरकार ने उपग्रह के जरिए सभी वाहनों से टोल टैक्स वसूलने की योजना को स्थगित कर दिया है।
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नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के अन्य नेता इस मुद्दे पर मंगलवार को एक बैठक कर सकते हैं। सभी विपक्षी नेताओं की सहमति से संचार साथी एप पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी। संसद में इस पर चर्चा कराने की मांग करने की भी योजना है। यदि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमत नहीं होती है तो संसद के बाहर और सड़क पर इसका विरोध किया जा सकता है।
इसके पहले जुलाई 2021 में राहुल गांधी सहित विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस्राइल से लाए गए एक स्पाई सॉफ्टवेयर 'पेगासस' से अपनी जासूसी होने का आरोप लगाया था। इस पर खूब हंगामा हुआ था। हालांकि, जब केंद्र सरकार ने जासूसी मामले की जांच करने के लिए राहुल गांधी को अपना मोबाइल सौंपने के लिए कहा गया था तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
इसके पहले जुलाई 2021 में राहुल गांधी सहित विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस्राइल से लाए गए एक स्पाई सॉफ्टवेयर 'पेगासस' से अपनी जासूसी होने का आरोप लगाया था। इस पर खूब हंगामा हुआ था। हालांकि, जब केंद्र सरकार ने जासूसी मामले की जांच करने के लिए राहुल गांधी को अपना मोबाइल सौंपने के लिए कहा गया था तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
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केंद्र ने दिया अनिवार्य इंस्टॉल करने का आदेश
लगातार मोबाइल फोन चोरी और स्पैम कॉलों को देखते हुए सरकार ने इस पर रोक लगाने की योजना बनाई है। संचार साथी एप के जरिए चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है जिससे चोरी होने के बाद भी किसी का डाटा चोरी होने और उसका दुरुपयोग होने की आशंका कम हो जाती है। स्पैम कॉल्स से लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए इसे पूरी तरह रोकने के लिए भी संचार साथी एप बहुत कारगर साबित हो रहा है।
संचार साथी एप इसी वर्ष 16 मई को लांच किया गया था। इस समय ऐच्छिक है। लेकिन केंद्र सरकार ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को 90 दिनों के अंदर इसे सभी फोनों में इंस्टाल करने का आदेश दिया है। पहले से बेचे जा चुके फोन में भी इसे अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने का आदेश दिया गया है। अब तक लगभग 50 लाख लोग स्वैच्छिक रूप से इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने फोन में उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, एप्पल जैसी कंपनियों ने इसे अनिवार्य करने पर नकारात्मक रुख दिखाया है।
लगातार मोबाइल फोन चोरी और स्पैम कॉलों को देखते हुए सरकार ने इस पर रोक लगाने की योजना बनाई है। संचार साथी एप के जरिए चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने की सुविधा मिलती है जिससे चोरी होने के बाद भी किसी का डाटा चोरी होने और उसका दुरुपयोग होने की आशंका कम हो जाती है। स्पैम कॉल्स से लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए इसे पूरी तरह रोकने के लिए भी संचार साथी एप बहुत कारगर साबित हो रहा है।
संचार साथी एप इसी वर्ष 16 मई को लांच किया गया था। इस समय ऐच्छिक है। लेकिन केंद्र सरकार ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को 90 दिनों के अंदर इसे सभी फोनों में इंस्टाल करने का आदेश दिया है। पहले से बेचे जा चुके फोन में भी इसे अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने का आदेश दिया गया है। अब तक लगभग 50 लाख लोग स्वैच्छिक रूप से इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने फोन में उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, एप्पल जैसी कंपनियों ने इसे अनिवार्य करने पर नकारात्मक रुख दिखाया है।
दावा है कि इस एप के जरिए अब तक 22.76 लाख फोन वापस हासिल किए जा चुके हैं। इसके अलावा 37.28 लाख स्मार्ट फोन को चोरी या गायब होने पर ब्लॉक किया जा चुका है। लोग अनचाही कॉल्स के लिए भी संचार साथी से खूब शिकायत कर रहे हैं और उन्हें ब्लॉक कर अनजान कॉल से छुटकारा पा रहे हैं।