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Sickle Cell Anemia: 17 राज्यों के सात करोड़ आदिवासी सिकलसेल-एनिमिया से पीड़ित, मध्य प्रदेश में लॉन्च होगा मिशन
राहुल संपाल
Published by: राहुल संपाल
Updated Sat, 01 Jul 2023 11:16 AM IST
सार
मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के बीच एनीमिया और सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी जड़ जमाए हुए हैं। जनजातीय समुदाय का लगभग हर घर इससे प्रभावित है। ऐसी स्थिति में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से इस अभियान की शुरुआत करना भाजपा के पक्ष जा सकता है।
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सिकल सेल एनीमिया
- फोटो : Social Media
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विस्तार
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत मध्य प्रदेश से करने जा रहे हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसने देश के 17 राज्यों में रहने वाले लगभग 7 करोड़ से अधिक आदिवासी आबादी को अपना शिकार बना रखा है। मुख्य रूप से ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में यह बीमारी जड़े जमाए हुए है.। एक बड़ी आबादी को इस बीमारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 का शुभारंभ शनिवार को एमपी के शहडोल से करेंगे।
मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के बीच एनीमिया और सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी जड़ जमाए हुए है। जनजातीय समुदाय का लगभग हर घर इससे प्रभावित है। ऐसी स्थिति में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से इस अभियान की शुरुआत करना भाजपा के पक्ष जा सकता है। एनीमिया-सिकल सेल हीमोग्लोबिन पैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है। इसमें मुख्य रूप से सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया शामिल है।
सिकलसेल-एनीमिया ऐसा रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती है। इसके कारण एनीमिया और अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो-ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि की बीमारी और यहां तक की पीड़ित के मौत तक की आशंका रहती है। प्रदेश में आए दिन जनजातीय समुदाय की मौतें एनीमिया सिकल सेल में कारण हो रही है। मध्य प्रदेश में एनीमिया सिकलसेल आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ज्यादा फैला हुआ है। इनमें शहडोल, उमरिया, अनुपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, अलीराजपुर, बुरहानपुर, बैतूल, धार, शिवपुरी, होशंगाबाद, जबलपुर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, सिंगरौली और सीधी के नाम शामिल हैं।
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन क्या है
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सिकल सेल एनीमिया बीमारी को लेकर एक ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने बताया था कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म कर दिया जाए। इसी कड़ी में आज पीएम मोदी सिकल सेल कार्ड वितरण करेंगे और इस बीमारी की स्क्रीनिंग के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल बीमारी को लेकर लोगों के जागरूक करना है। यह मिशन देश के गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड के 278 जिलों में लागू किया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में जनजातीय समुदाय के बीच एनीमिया और सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी जड़ जमाए हुए है। जनजातीय समुदाय का लगभग हर घर इससे प्रभावित है। ऐसी स्थिति में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से इस अभियान की शुरुआत करना भाजपा के पक्ष जा सकता है। एनीमिया-सिकल सेल हीमोग्लोबिन पैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है। इसमें मुख्य रूप से सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया शामिल है।
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सिकलसेल-एनीमिया ऐसा रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं जल्दी टूट जाती है। इसके कारण एनीमिया और अन्य जटिलताएं जैसे कि वेसो-ओक्लुसिव क्राइसिस, फेफड़ों में संक्रमण, एनीमिया, गुर्दे और यकृत की विफलता, स्ट्रोक आदि की बीमारी और यहां तक की पीड़ित के मौत तक की आशंका रहती है। प्रदेश में आए दिन जनजातीय समुदाय की मौतें एनीमिया सिकल सेल में कारण हो रही है। मध्य प्रदेश में एनीमिया सिकलसेल आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ज्यादा फैला हुआ है। इनमें शहडोल, उमरिया, अनुपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, अलीराजपुर, बुरहानपुर, बैतूल, धार, शिवपुरी, होशंगाबाद, जबलपुर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, सिंगरौली और सीधी के नाम शामिल हैं।
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन क्या है
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सिकल सेल एनीमिया बीमारी को लेकर एक ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने बताया था कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म कर दिया जाए। इसी कड़ी में आज पीएम मोदी सिकल सेल कार्ड वितरण करेंगे और इस बीमारी की स्क्रीनिंग के लिए लोगों को जागरूक करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल बीमारी को लेकर लोगों के जागरूक करना है। यह मिशन देश के गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड के 278 जिलों में लागू किया जाएगा।