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रक्त रोग: 1.13 करोड़ की जांच में 8.75 फीसदी में मिले सिकल सेल के लक्षण, गुजरात में सर्वाधिक

पीटीआई, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 09 Aug 2021 10:54 PM IST
सार

सिकल सेल एनीमिया के शिकार मरीज का रक्त कठोर व चिपचिपा हो जाता है, इससे वह खून के प्रवाह को बाधित कर सकता है। 
 

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Sickle cell disease, trait found in 8.75 pc of 1.13 crore people screened in India
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सरकार द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में सिकल सेल एनीमिया के मरीजों का सर्वे कराया गया। सर्वे में 1.13 करोड़ लोगों की जांच की गई। इनमें से 8.75 लोगों में इस रक्त रोग के लक्षण मिले हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा लोगों में इसके लक्षण मिले हैं। 

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यह जानकारी सोमवार को लोकसभा में पेश सरकारी आंकड़ों में दी गई। इसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल देश के 1.13 करोड़ लोगों में से 8.75 प्रतिशत में सिकल सेल रोग (एससीडी) और सिकल सेल लक्षण (एससीटी) पाए गए हैं। जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने लोकसभा में आंकड़े पेश करते हुए कहा कि अब तक 27 राज्यों में 1,13,83,664 लोगों की एससीडी और एससीटी के लिए जांच की जा चुकी है। इनमें से 9,49,057 में एससीटी और 47,311 में एससीडी है।
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गुजरात में 86 हजार जांच, 36 हजार से ज्यादा में मिले लक्षण
गुजरात में 86,44,928 लोगों की जांच की गई। इनमें से 29,266 में एससीडी और 7,29,561 में एससीटी किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है। ओडिशा में 1,30,561 लोगों में से 21.80 प्रतिशत में एससीडी या एससीटी है। महाराष्ट्र में 13,71,758 लोगों में से 1,69,191 में एससीटी और 14,141 में एससीडी है।
वंशानुगत होता है सिकल सेल रोग 
एससीडी वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है जहां लाल रक्त कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं। ये कोशिकाएं शरीर में आसानी से नहीं चलती हैं और शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त प्रवाह को रोक सकती हैं। जिन लोगों को एक सिकल सेल जीन और एक सामान्य जीन विरासत में मिलता है, उनमें एससीटी होता है। इससे मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में आदिवासी आबादी ज्यादा प्रभावित है। 
केंद्र ने राज्यों को 60 करोड़ रुपये दिए
मंत्री सरुता ने बताया कि आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग के राज्य-वार प्रसार के आंकड़े केंद्र सरकार नहीं रखती हैै। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि देश भर में इसका प्रसार पांच प्रतिशत से 34 प्रतिशत तक है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने स्क्रीनिंग सहित सिकल सेल एनीमिया से निपटने के लिए राज्यों को 60 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

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