सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   soldier who served in BSF for 14 years is unable to access his NPS deposit, raising questions pension scheme

BSF: 14 साल 'बीएसएफ' में नौकरी करने वाले जवान को नहीं मिल पा रही 'एनपीएस' में जमा राशि, पेंशन स्कीम पर उठ रहे

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 14 Nov 2025 04:47 PM IST
विज्ञापन
soldier who served in BSF for 14 years is unable to access his NPS deposit, raising questions pension scheme
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त करते बीएसएफ के जवान। - फोटो : एजेंसी
विज्ञापन

सीमा सुरक्षा बल 'बीएसएफ' का एक जवान, जिसने 14 साल 10 महीने और 17 दिन तक नौकरी की, लेकिन उसे एनपीएस में जमा अपनी राशि नहीं मिल सकी। इसके लिए सिपाही पराग सैकिया को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पराग ने भारत सरकार के 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग' को शिकायत भेजी है। बीएसएफ की 37वीं बटालियन, जहां पर पराग ने 14 वर्ष तक सेवा की है, वहां पर भी अपनी समस्या के हल के लिए गुहार लगाई गई। वहां से बताया गया कि आपका बैंक विवरण अपडेट नहीं है, इसीलिए एनपीएस खाते में जमा राशि को निकालने में दिक्कत आ रही है। अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, नेशनल पेंशन स्कीम में जमा राशि, जवान को न मिलने का मतलब, संबंधित विभाग व उसके अफसरों की लापरवाही है।

Trending Videos

 
बता दें कि 15 अक्तूबर 2009 को पराग सैकिया, बतौर सिपाही बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उन्होंने 31 अगस्त 2024 तक नौकरी की। यानी वे 14 साल 10 महीने और 17 दिन तक बीएसएफ में रहे। नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें एनपीएस में जमा अपनी राशि निकलवाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस बाबत उन्होंने 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग' को लिखा। 12 नवंबर को वहां से जवाब आया कि यह मामला अंडर प्रोसेस है। इस मामले में संबंधित अधिकारी का नाम बिमल कांत (सीनियर अकाउंट अफसर) बताया गया है। वे 'पीएओ' ईस्ट पेंशन पीएडी, बीएसएफ हैं। 37वीं वाहिनी बीएसएफ की तरफ से भी पूर्व सिपाही पराग सैकिया को सूचित किया गया कि आप सीमा सुरक्षा बल से इस्तीफा देकर चले गए थे। आपको अभी तक एनपीएस में जमा धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


इस बटालियन द्वारा आपके एनपीएस में जमा धनराशि निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, लेकिन आपका बैंक विवरण अपडेट नहीं होने के कारण ऑनलाइन निकासी की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो रही है। इस वजह से आपके एनपीएस खाते से धनराशि निकालने का प्रकरण लंबित है। आपके बैंक विवरण को अपडेट करने के लिए गुजारिश की है। यह प्रक्रिया, पीएडी एनपीएस डेस्क में लंबित है। इसे अपडेट करने के लिए बटालियन की ओर से पीएडी एनपीएस डेस्क को बार बार संदेश दिया जा रहा है। जैसे ही आपके एनपीएस खाते में बैंक विवरण अपडेट होगा, एनपीएस से धनराशि निकालने का प्रकरण उच्च मुख्यालय को भेज दिया जाएगा। 

एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, जवान को एनपीएस खाते में जमा अपनी राशि न मिलना, इस पेंशन स्कीम पर कई सवाल खड़े करती है। इस देरी के लिए यूनिट कमांडेंट जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि पीएडी एनपीएस सेक्शन बीएसएफ में बैठे अकाउंट ऑफिसर जिम्मेदार हैं। वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक तरह से नहीं कर रहे हैं। यूनिट कमांडेंट द्वारा जवान का एनपीएस बैंक खाता सत्यापन करने के लिए दिनांक 28/12/2024 व इस साल 20 जून, 3 मार्च, 25 अगस्त व 27 अक्टूबर को पीएडी एनपीएस सेक्शन बीएसएफ नई दिल्ली को लिखा गया था। 

इसके बावजूद एनपीएस सेक्शन के अकाउंट ऑफिसर ने इस मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं की। बीएसएफ के पूर्व जवान ने कई बार अकाउंट ऑफिसर से टेलीफोन पर सम्पर्क कर गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एनपीएस फंड में जमा धनराशि को न निकाल पाने के कारण पूर्व जवान का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं पूर्व एडीजी एचआर सिंह ने एनपीएस सेक्शन में पदस्थ एकाउंट आफिसर पर अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने डीजी बीएसएफ से आग्रह किया है कि इस मामले में जिम्मेदार ऑफिसर्स के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। वह कार्रवाई भी ऐसी हो, ताकि  भविष्य में किसी और जवान के साथ इस प्रकार की घटना न हो। इस तरह के केस में तीन महीने की समय सीमा के अंदर एनपीएस में जमा धनराशि का भुगतान किया जाए। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed