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Supreme Court News Centre to respond plea alleging unethical marketing practices by pharmaceutical companies
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Supreme Court: डोलो-650 की बिक्री बढ़ाने के लिए बांटे हजार करोड़ के गिफ्ट, SC में याचिकाकर्ता का दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 18 Aug 2022 09:48 PM IST
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्हें भी COVID के दौरान इसी टैबलेट की सलाह दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह सुनने में ठीक नहीं लगता।
सुप्रीम कोर्ट (फाइल)
- फोटो : सोशल मीडिया
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से दवा कंपनियों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने जनहित याचिका पर 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका में कहा गया कि दवा कंपनियां डॉक्टरों को उनकी दवाओं की सलाह देने के लिए कई तरह के उपहार ऑफर करती है। ऐसे में इन मुफ्त उपहारों के लिए दवा कंपनियों को उत्तरदायी बनाया जाए।
याचिका में कोर्ट से इस इस संबंध में निर्देश देने की मांग की गई थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को बताया गया कि डोलो-650 मिलीग्राम टैबलेट के निर्माताओं ने मरीजों को अपनी बुखार-रोधी दवा निर्धारित करने के लिए मुफ्त उपहारों में ही 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि सेंट्रल बोर्ड फॉर डायरेक्ट टैक्सेज ने डोलो-650 टैबलेट के निर्माताओं पर टैबलेट की सलाह करने के लिए डॉक्टरों को 1,000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार वितरित करने का आरोप लगाया है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्हें भी COVID के दौरान इसी टैबलेट की सलाह दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह सुनने में ठीक नहीं लगता। मुझे भी ऐसा ही करने के लिए कहा गया था, जब मुझे कोविड था। यह एक गंभीर मुद्दा है।
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि हलफनामा लगभग तैयार है और इसे जल्द ही दाखिल किया जाएगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने तब केंद्र सरकार से उस याचिका पर 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा, जिसमें फार्मास्युटिकल कंपनियों पर अनैतिक मार्केटिंग प्रणाली अपनाने का आरोप लगाया गया था।
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