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'हां, गैंगस्टर्स का केस लड़ता हूं': STF ने बिना वजह बताए वकील को किया गिरफ्तार, SC ने कहा- तुरंत छोड़ो

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Wed, 12 Nov 2025 01:34 PM IST
सार

अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए वकील कई गैंगस्टर्स का मुकदमा लड़ रहे थे, लेकिन वकीलों के खिलाफ पुलिस के इस तरह के जुल्म नाजायज हैं।

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Supreme Court order immediate release of arrested Delhi Lawyer gangsters clients CJI BR Gavai
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार वकील को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 नवंबर, 2025) को गुरुग्राम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को हत्या के एक मामले में गिरफ्तार वकील को तत्काल छोड़ने का आदेश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई, जस्टिस एन. वी. अंजारिया और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने ये आदेश सुनाया।

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सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार वकील विक्रम सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद 10 हजार रुपये की जमानत बॉन्ड पर तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने मामले की 19 नवंबर, 2025 को अगली सुनवाई तय कर दी। 
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गिरफ्तार किए गए वकील विक्रम सिंह जुलाई, 2019 से दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य हैं और फिलहाल फरीदाबाद जेल में बंद हैं। याचिका में कहा गया है कि पेशेवर जिम्मेदारियां निभाने के चलते याचिकाकर्ता को कई मुवक्किलों के आपराधिक मुकदमों में पेश होना पड़ा। याचिका के अनुसार विक्रम सिंह को तब निशाना बनाया गया, जब उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन दायर किया। इसमें उनके मुवक्किल ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा पर एसटीएफ की हिरासत में हमला किया गया। इस हमले में उनके मुवक्किल का पैर टूट गया था। 

सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को तत्काल ये आदेश पहुंचाने के भी निर्देश दिए। गिरफ्तार वकील की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि आपराधिक कानूनों की प्रैक्टिस करने वाले कोई भी शख्स अब इस तरह के बलपूर्वक तरीकों के इस्तेमाल के प्रति संवेदनशील होगा।

अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए वकील कई गैंगस्टर्स का मुकदमा लड़ रहे थे, लेकिन वकीलों के खिलाफ पुलिस के इस तरह के जुल्म नाजायज हैं। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का जिक्र कर विकास सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए शख्स को गिरफ्तारी के आधार को लिखित रूप में उसकी समझ सकने वाली भाषा में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि एसटीएफ ऐसा करने में विफल रहा।  

सीजेआई गवई ने दलीलें सुनने के बाद कहा, ''याचिकाकर्ता एक वकील हैं और उनके कानूनी प्रक्रिया से बचने की संभावना नहीं है।'' सुनवाई के दौरान ये बात भी सामने आई कि एसटीएफ के अधिकारी गिरफ्तार किए गए वकील के संपर्क में थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''याचिकाकर्ता का कहना है कि असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के कहने पर वह पुलिस स्टेशन गया था। जहां उसे बिना गिरफ्तारी का कारण बताए ही हिरासत में ले लिया गया।'' याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तार वकील के खिलाफ लगाए गए सभी आपराधिक मुकदमों को खत्म करने की मांग की गई। इनमें हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे शामिल हैं। 

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