सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Supreme Court strict on pollution in Delhi-NCR, also sought report on stubble from Punjab-Haryana

Supreme Court: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब-हरियाणा से पराली पर भी मांगी रिपोर्ट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Wed, 12 Nov 2025 04:53 PM IST
सार

Supreme Court On Delhi-NCR Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से भी जवाब तलब किया है।

विज्ञापन
Supreme Court strict on pollution in Delhi-NCR, also sought report on stubble from Punjab-Haryana
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सख्त रुख अपनाया। अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि स्थिति और न बिगड़े, इसके लिए दोनों राज्यों को जवाब देना होगा।

Trending Videos


मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और एन.वी. अंजारिया की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए इसे 17 नवंबर को फिर से सुनने का निर्णय लिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर पराली जलाने पर तत्काल नियंत्रण नहीं पाया गया तो हालात और गंभीर हो जाएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि फिलहाल जीआरएपी-III लागू है, लेकिन प्रदूषण का स्तर देखते हुए जीआरएपी-IV लागू किया जाना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन


एनसीआर की हवा पर असर
एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने नासा की सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि इन दोनों राज्यों से निकलने वाला धुआं दिल्ली-एनसीआर की हवा को और जहरीला बना रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है।

ये भी पढ़ें- Maharashtra: कुपोषण से 65 बच्चों की मौत पर बंबई हाईकोर्ट सख्त, कहा- सरकार का रवैया बेहद लापरवाह

निगरानी व्यवस्था पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से भी हलफनामा मांगते हुए पूछा कि अब तक प्रदूषण रोकने के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि निगरानी स्टेशन भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे, जिससे जीआरएपी लागू करने में दिक्कत आ रही है। दीवाली के दिन 37 में से केवल 9 मॉनिटरिंग स्टेशन ही सक्रिय थे।

कोर्ट की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अब प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि पूर्व-नियोजित कदम उठाने होंगे। अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें और आयोग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और न बिगड़े। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ कागजी कार्रवाई का समय नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई दिखनी चाहिए।


विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed