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'प्रोफेसर के नाम पर कलंक हो...': देशविरोधी पोस्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट ने शख्स को लगाई कड़ी फटकार, नहीं दी बेल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 12 Nov 2025 09:42 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट ने असम के एक कॉलेज के प्रोफेसर को भारत विरोधी और अश्लील सोशल मीडिया पोस्ट करने पर कड़ी फटकार लगाई और उसे युवा लड़कियों के लिए खतरा बताया।

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Supreme Court to Assam professor arrested for anti-India, obscene online posts
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : पीटीआई
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 नवंबर, 2025) को असम के एक कॉलेज के प्रोफेसर को भारत विरोधी और अश्लील सोशल मीडिया पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किए जाने पर कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर को युवा लड़कियों के लिए खतरा बताते हुए कहा कि इस तरह के विकृत इंसान को शिक्षण संस्थान में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
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जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कोकराझार जिले के गोसाईगांव कॉलेज में प्रोफेसर रहे मोहम्मद जॉयनल आबेदीन को अंतरिम जमानत देने से इनकार दिया। पीठ ने कहा कि उन्हें महिलाओं का पीछा करने और ऑनलाइन अश्लील टिप्पणियां करने की आदत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी की महिलाओं को घूरने और उन पर अश्लील टिप्पणियां करने की आदत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को आसानी से जेल से रिहा नहीं किया जा सकता है।
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'तुम किस तरह के प्रोफेसर हो? प्रोफेसर के नाम पर तुम एक कलंक हो।'
पीठ ने प्रोफेसर को फटकार लगाते हुए कहा, 'तुम किस तरह के प्रोफेसर हो? प्रोफेसर के नाम पर तुम एक कलंक हो।' आपको कॉलेज में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।  पीठ ने प्रोफेसर की ओर से की गई पोस्ट को देखने के बाद उसे गंदे दिमाग वाला और समाज के लिए खतरा बताया। पीठ ने आरोपी के वकील से पूछा कि क्या इस पोस्ट में जो लिखा गया है, हमें आपसे उसे पढ़कर सुनाने के लिए कहना चाहिए? जिससे सबको पता चल सके कि इस पोस्ट में क्या था? 

याचिकाकर्ता प्रोफेसर के वकील ने दलील दी कि जिस पोस्ट के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था, उसके लिए उन्होंने माफी मांग ली है और जैसे ही उन्हें पता चला कि उनका सोशल मीडिया पोस्ट देशहित के खिलाफ है, उसे हटा दिया। वकील ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है, लेकिन गोसाईगांव अदालत में करीब छह महीने से कोई न्यायिक अधिकारी नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई आगे नहीं बढ़ सकी है। 

असम सरकार के वकील ने तर्क दिया कि आरोपी आदतन अपराधी है और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने की उसकी आदत है। पीठ ने प्रोफेसर के सोशल मीडिया पोस्ट का अवलोकन किया और भाषा देखकर आश्चर्यचकित रह गई। पीठ ने कहा कि उनका दिमाग गंदा है और वह समाज के लिए खतरा हैं। याचिकाकर्ता के वकील से पीठ ने कहा कि क्या हमें आपसे यह कहने को कहना चाहिए कि जो कुछ यहां लिखा गया है उसे पढ़िए ताकि हर कोई समझ सके कि पोस्ट क्या है?
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