न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 03 Nov 2021 09:54 PM IST
सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को और ताकतवर बना दिया है। अब आधार नियमों का उल्लंघन करने वालों व इनका दुरुपयोग करने वाली संस्थाओं के खिलाफ प्राधिकरण एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
केंद्र सरकार ने दो नवंबर को (जुर्माने का अधिनिर्णय) नियम 2021 की अधिसूचना जारी की। नए नियमों के अनुसार इस कार्य के लिए प्राधिकरण अपने एक अधिकारी को विशेष तौर पर नियुक्त कर सकता है। अधिकारी द्वारा लगाई गई जुर्माने की राशि यूआईडीएआई के कोष में जमा की जाएगी। यदि किसी ने जुर्माना अदा नहीं किया तो भू-राजस्व नियमों के तहत संपत्ति नीलाम कर बकाया वसूल की जा सकेगी।
दो साल बाद जारी की अधिसूचना
भारत सरकार ने आधार अधिनियमों (AADHAR Act) का पालन नहीं करने वालों या उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार प्राधिकरण को दे दिया है। करीब दो साल बाद केंद्र सरकार ने इन नियमों की अधिसूचना जारी की।
अधिसूचना में कहा गया है कि आधार नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है। दोषियों के खिलाफ एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिसूचना में कहा गया है कि यूआईडीएआई अधिनियम या प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ शिकायत की जा सकती है। प्राधिकरण द्वारा नियुक्त किए अधिकारी ऐसे मामलों का फैसला करेंगे और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकेंगे। हालांकि दंडित पक्ष इसके खिलाफ दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील कर सकेगा।
क्यों पड़ी इस प्रावधान की जरूरत
आधार और अन्य कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 लाई था ताकि प्राधिकरण के पास कार्रवाई करने के अधिकार हों। मौजूदा अधिनियम के तहत प्राधिकरण के पास आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं था। 2019 में पारित कानून में तर्क दिया गया था कि निजता की रक्षा के लिए और प्राधिकरण की स्वायत्तता के लिए इसको संशोधित करने की आवश्यकता है। इसके बाद जुर्माने के प्रावधान के लिए आधार कानून में नया अध्याय जोड़ा गया।
विस्तार
सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को और ताकतवर बना दिया है। अब आधार नियमों का उल्लंघन करने वालों व इनका दुरुपयोग करने वाली संस्थाओं के खिलाफ प्राधिकरण एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है।
केंद्र सरकार ने दो नवंबर को (जुर्माने का अधिनिर्णय) नियम 2021 की अधिसूचना जारी की। नए नियमों के अनुसार इस कार्य के लिए प्राधिकरण अपने एक अधिकारी को विशेष तौर पर नियुक्त कर सकता है। अधिकारी द्वारा लगाई गई जुर्माने की राशि यूआईडीएआई के कोष में जमा की जाएगी। यदि किसी ने जुर्माना अदा नहीं किया तो भू-राजस्व नियमों के तहत संपत्ति नीलाम कर बकाया वसूल की जा सकेगी।
दो साल बाद जारी की अधिसूचना
भारत सरकार ने आधार अधिनियमों (AADHAR Act) का पालन नहीं करने वालों या उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार प्राधिकरण को दे दिया है। करीब दो साल बाद केंद्र सरकार ने इन नियमों की अधिसूचना जारी की।
अधिसूचना में कहा गया है कि आधार नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है। दोषियों के खिलाफ एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिसूचना में कहा गया है कि यूआईडीएआई अधिनियम या प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ शिकायत की जा सकती है। प्राधिकरण द्वारा नियुक्त किए अधिकारी ऐसे मामलों का फैसला करेंगे और ऐसी संस्थाओं के खिलाफ एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकेंगे। हालांकि दंडित पक्ष इसके खिलाफ दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील कर सकेगा।
क्यों पड़ी इस प्रावधान की जरूरत
आधार और अन्य कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 लाई था ताकि प्राधिकरण के पास कार्रवाई करने के अधिकार हों। मौजूदा अधिनियम के तहत प्राधिकरण के पास आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं था। 2019 में पारित कानून में तर्क दिया गया था कि निजता की रक्षा के लिए और प्राधिकरण की स्वायत्तता के लिए इसको संशोधित करने की आवश्यकता है। इसके बाद जुर्माने के प्रावधान के लिए आधार कानून में नया अध्याय जोड़ा गया।