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Upendra Dwivedi: 'यूक्रेन युद्ध भारत के लिए जीवित प्रयोगशाला', सेना प्रमुख बोले- AI से बदल रहा युद्ध का चेहरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:04 PM IST
सार
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना यूक्रेन युद्ध को करीब से देख रही है क्योंकि यह सीमावर्ती हालात जैसा ‘लिविंग लैब’ है। उन्होंने कहा कि तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर टूल्स आधुनिक युद्ध के निर्णायक तत्व बन चुके हैं।
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जनरल उपेंद्र द्विवेदी, थल सेना प्रमुख
- फोटो : ANI
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विस्तार
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना यूक्रेन युद्धक्षेत्र पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि यह भारत की सीमाओं जैसी परिस्थितियों वाला “लिविंग लैब” बन गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और इसमें तकनीक निर्णायक भूमिका निभा रही है।
दिल्ली डिफेंस डायलॉग 2025 में संबोधन के दौरान जनरल द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा दौर प्रतिस्पर्धा और संघर्ष का युग है। उन्होंने बताया कि आज 50 से अधिक युद्ध जारी हैं और 100 से अधिक देश किसी न किसी रूप में इसमें शामिल हैं। यूक्रेन युद्ध में ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और प्रिसिजन फायर ने युद्ध के तरीके बदल दिए हैं।
युद्ध के बदलते स्वरूप की व्याख्या
सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध के तीन ‘डी’-डेमोक्रेटाइजेशन, डिफ्यूज और डेमोग्राफी आज की सैन्य रणनीति को परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम तकनीक, साइबर टूल्स और डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस जैसी तकनीकें अब ‘ग्रे जोन’ में युद्ध की नई सीमाएं तय कर रही हैं।
ये भी पढ़ें- 'नागरिकों की सतर्कता से जवाबदेह बनी न्यायपालिका', गवई बोले- जनता का संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत
भारत की चुनौतियों पर दृष्टि
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत “दो-ढाई मोर्चों” की चुनौती का सामना कर रहा है। इसलिए, सेना को नई तकनीकों को पारंपरिक और आधुनिक दोनों युद्ध शैलियों में ढालना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत के लिए भूगोल अब भी रणनीति तय करता है और भूमि ही विजय की मुद्रा बनी रहेगी।
सेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय सेना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने के लिए ‘जिज्ञासा’ नामक इन-हाउस चैटबॉट लॉन्च करने जा रही है। इसके साथ 15 अन्य सॉफ्टवेयर भी तैयार किए जा रहे हैं जो फोर्स को अधिक सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘AI in the Box’ सिस्टम की ट्रायल प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और यह मोबाइल फॉर्मेशन को रणनीतिक बढ़त देगा।
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दिल्ली डिफेंस डायलॉग 2025 में संबोधन के दौरान जनरल द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा दौर प्रतिस्पर्धा और संघर्ष का युग है। उन्होंने बताया कि आज 50 से अधिक युद्ध जारी हैं और 100 से अधिक देश किसी न किसी रूप में इसमें शामिल हैं। यूक्रेन युद्ध में ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और प्रिसिजन फायर ने युद्ध के तरीके बदल दिए हैं।
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युद्ध के बदलते स्वरूप की व्याख्या
सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध के तीन ‘डी’-डेमोक्रेटाइजेशन, डिफ्यूज और डेमोग्राफी आज की सैन्य रणनीति को परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम तकनीक, साइबर टूल्स और डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस जैसी तकनीकें अब ‘ग्रे जोन’ में युद्ध की नई सीमाएं तय कर रही हैं।
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जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत “दो-ढाई मोर्चों” की चुनौती का सामना कर रहा है। इसलिए, सेना को नई तकनीकों को पारंपरिक और आधुनिक दोनों युद्ध शैलियों में ढालना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत के लिए भूगोल अब भी रणनीति तय करता है और भूमि ही विजय की मुद्रा बनी रहेगी।
सेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय सेना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने के लिए ‘जिज्ञासा’ नामक इन-हाउस चैटबॉट लॉन्च करने जा रही है। इसके साथ 15 अन्य सॉफ्टवेयर भी तैयार किए जा रहे हैं जो फोर्स को अधिक सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘AI in the Box’ सिस्टम की ट्रायल प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और यह मोबाइल फॉर्मेशन को रणनीतिक बढ़त देगा।
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