बंगाल में मतदाता सूची पर बवाल: 'मृतकों के नाम बचाने की ताक में CM ममता की सरकार', TMC पर भाजपा के गंभीर आरोप
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के एसआईआर को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन मतदाता सूची से मृत मतदाताओं के नाम हटाने नहीं दे रहा। उन्होंने एक बीएलओ के कथित ऑडियो का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बिना डेथ सर्टिफिकेट नाम न हटाएं।
विस्तार
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर राज्यभर की सियासत में गर्माहट तेज है। चुनावी रण में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी भी तेज कर दी है। हालांकि दूसरी ओर राज्य में चल रहे मतदात सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चर्चा तेज है। इसी बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को राज्य प्रशासन पर आरोप लगाया है। अधिकारी ने कहा कि राज्य प्रशासन मृतक मतदाताओं के नामों को चुनावी सूची में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि यह आरोप राज्य में चल रहे मतदाता सूची के एसआईआर के दौरान लगाया गया है। अधिकारी का कहना है कि इसमें सरकारी अफसरों और स्थानीय दबंगों का भी सहयोग हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा नेता ने पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में खराब संकेत देखते हुए यह सुनिश्चित कर रही हैं कि मृतक मतदाताओं के नाम हटाए न जाएं, ताकि चुनाव में उनका दुरुपयोग किया जा सके।
शुभेंदु अधिकारी ने साझा किया वीडियो
भाजपा नेता ने दक्षिण 24 परगना जिले के फाल्टा इलाके के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) का एक ऑडियो क्लिप भी साझा किया। इस ऑडियो में बीएलओ ने कथित तौर पर बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने बीएलओएस को निर्देश दिया कि किसी भी मृतक व्यक्ति के नाम को उनके डेथ सर्टिफिकेट के बिना मतदाता सूची से न हटाया जाए।
अधिकारी ने कहा कि ऑडियो में यह भी दावा किया गया कि फाल्टा के बीडीओ और एआरओ ने रविवार को सभी BLOs को बुलाकर कहा कि भले ही परिवार वालों ने मृतक का साइन किया हुआ डिक्लेरेशन दिया हो, तब भी नाम न हटाएं। इसके अलावा BLOs को निर्देश दिया गया कि डिक्लेरेशन फॉर्म अपलोड न करें और ऐसे मामलों को अनमैप्ड छोड़ दें, जिससे बाद में हेरफेर की गुंजाइश रहे।
परिवारों को धमका रहे स्थानीय दबंग लोग- शुभेंदु
शुभेंदु अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय दबंग लोग परिवारों को धमका रहे हैं कि वे BLOs को मृतक का सर्टिफिकेट न दें, जिससे सूची में मृतक मतदाता बने रहें। अधिकारी ने BLOs और आम जनता से अपील की कि दबाव में न आएं, चुनाव आयोग की मदद करें और कानून का पालन करें।
उन्होंने चेतावनी भी दी कि टीएमसी से जुड़े बीडीओ और एआरओ को सावधान रहना चाहिए, अन्यथा उन्हें परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अंत में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा इस मामले पर कड़ी नजर रख रही है और चुनाव आयोग से अपील की कि आरोपों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
टीएमसी ने किया पलटवार
दूसरी ओर भाजपा नेता के इन आरोपों पर टीएमसी के राज्य उपाध्यक्ष और प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी नियमों को जाने बिना इस मामले को राजनीति की भेंट चढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मतदाता का नाम सिर्फ मृत्युपत्र के बिना नहीं हटाया जा सकता। किसी रिश्तेदार के सिग्नेचर के आधार पर नाम नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआर प्रक्रिया चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार ही पूरी की जा रही है।
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