{"_id":"692e06143961078bcd0a8926","slug":"development-news-jammu-news-c-10-jmu1052-775592-2025-12-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jammu News: शहर में पेयजल किल्लत का होगा समाधान, इंटर कनेक्ट होंगे वार्ड","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jammu News: शहर में पेयजल किल्लत का होगा समाधान, इंटर कनेक्ट होंगे वार्ड
विज्ञापन
विज्ञापन
- अमृत-2 चरण में लगाए जाएंगे ट्यूबवेल, तकनीकी खराबी पर भी मिलता रहेगा पानी
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। शहर में पेयजल किल्लत का समाधान होने जा रहा है। अब वार्डाें को अमृत-2 चरण में इंटर कनेक्ट किया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि अगर एक वार्ड में पानी की किल्लत है तो दूसरे वार्ड से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इससे लोगों की जरूरत पूरी हो सकेगी। पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। पानी न आने की सूरत में टैंकर से आपूर्ति के लिए अतिरिक्त राशि नहीं खर्च करनी पड़ेगी।
यह काम मिशन अमृत-2 चरण में हो रहा है। पुरानी पाइपलाइन को बदलने पर काम शुरू किया जाएगा। इस पर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। काम होने के बाद मेन पाइपों को इंटर कनेक्ट किया जाएगा।
अकसर सर्दी और गर्मी के मौसम में ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति ज्यादा होती है। इस कारण मोटरें जलने या फिर गर्मी में जलस्तर गिरने से लोगों को दस से 15 दिन तक पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। कई बार तो मोटर ठीक करने के बाद दोबारा फिर से जल जाती है। इस कारण घरों में रोजमर्रा के काम काफी हद तक प्रभावित होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी के मौसम में अप्रैल से जुलाई तक आती है। अब जलशक्ति विभाग समस्या का स्थायी समाधान करने जा रहा है। वार्ड इंटर कनेक्ट होने से पानी की आपूर्ति होती रहेगी। इससे शहर में करीब नाै लाख की आबादी लाभान्वित होगी।
-- -- -- -- --
70 से ज्यादा नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे
शहर में 70 के ज्यादा नए ट्यूबवेल लगाने का प्रस्ताव भी है। मौजूदा समय में 30 ट्यूबवेल लगाने पर काम शुरू हो रहा है। प्रति ट्यूबवेल डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इससे भी शहर में पानी जरूरत के हिसाब से मिलना है।
-- -- -- -- --
शहर में कैसे होती है पानी की आपूर्ति
शहर में पानी की आपूर्ति शीतली, पंजतीर्थी और धाैंथली वाटर प्लांट से हो रही है। यहां से पानी लिफ्ट कर टैंकों में भेजा जाता है फिर लोगों को मिल रहा है। इसके अलावा 260 के करीब ट्यूबवेल से भी आपूर्ति हो रही है। यह सभी ट्यूबवेल इंटर कनेक्ट होंगे।
-- -- -- -- -- -
वार्डाें में अमृत-2 चरण से वार्डों को इंटर कनेक्ट करने पर भी काम होगा। इससे एक वार्ड में पानी की किल्लत है तो दूसरे वार्ड से आपूर्ति हो सकेगी। लोगों को राहत मिलेगी।
- तेजिंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता, जलशक्ति विभाग
Trending Videos
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। शहर में पेयजल किल्लत का समाधान होने जा रहा है। अब वार्डाें को अमृत-2 चरण में इंटर कनेक्ट किया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि अगर एक वार्ड में पानी की किल्लत है तो दूसरे वार्ड से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इससे लोगों की जरूरत पूरी हो सकेगी। पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। पानी न आने की सूरत में टैंकर से आपूर्ति के लिए अतिरिक्त राशि नहीं खर्च करनी पड़ेगी।
यह काम मिशन अमृत-2 चरण में हो रहा है। पुरानी पाइपलाइन को बदलने पर काम शुरू किया जाएगा। इस पर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। काम होने के बाद मेन पाइपों को इंटर कनेक्ट किया जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
अकसर सर्दी और गर्मी के मौसम में ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति ज्यादा होती है। इस कारण मोटरें जलने या फिर गर्मी में जलस्तर गिरने से लोगों को दस से 15 दिन तक पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। कई बार तो मोटर ठीक करने के बाद दोबारा फिर से जल जाती है। इस कारण घरों में रोजमर्रा के काम काफी हद तक प्रभावित होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी के मौसम में अप्रैल से जुलाई तक आती है। अब जलशक्ति विभाग समस्या का स्थायी समाधान करने जा रहा है। वार्ड इंटर कनेक्ट होने से पानी की आपूर्ति होती रहेगी। इससे शहर में करीब नाै लाख की आबादी लाभान्वित होगी।
70 से ज्यादा नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे
शहर में 70 के ज्यादा नए ट्यूबवेल लगाने का प्रस्ताव भी है। मौजूदा समय में 30 ट्यूबवेल लगाने पर काम शुरू हो रहा है। प्रति ट्यूबवेल डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इससे भी शहर में पानी जरूरत के हिसाब से मिलना है।
शहर में कैसे होती है पानी की आपूर्ति
शहर में पानी की आपूर्ति शीतली, पंजतीर्थी और धाैंथली वाटर प्लांट से हो रही है। यहां से पानी लिफ्ट कर टैंकों में भेजा जाता है फिर लोगों को मिल रहा है। इसके अलावा 260 के करीब ट्यूबवेल से भी आपूर्ति हो रही है। यह सभी ट्यूबवेल इंटर कनेक्ट होंगे।
वार्डाें में अमृत-2 चरण से वार्डों को इंटर कनेक्ट करने पर भी काम होगा। इससे एक वार्ड में पानी की किल्लत है तो दूसरे वार्ड से आपूर्ति हो सकेगी। लोगों को राहत मिलेगी।
- तेजिंद्र सिंह, अधिशासी अभियंता, जलशक्ति विभाग