न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Tue, 19 Oct 2021 04:59 PM IST
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस किसी भी व्यक्ति के जीवन और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है। इसके बाद अदालत ने संबंधित पुलिस को कानून के अनुसार अपनी मर्जी से विवाह करने वाले दंपती को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति संजय धर की एकल पीठ ने वयस्क होने के बाद अपनी पसंद के एक व्यक्ति से विवाह रचाने वाली एक महिला की याचिका का निपटारा करते हुए सोमवार को यह फैसला सुनाया। नवविवाहित जोड़े ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उक्त महिला के परिवार के सदस्य उन्हें परेशान कर रहे हैं, साथ ही किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कराने की कोशिश भी कर रहे हैं। याचिका में महिला ने आरोप लगाया कि परिवार ने कुछ गुंडों की मदद से उन्हें पीटने की कई कोशिशें भी कीं। महिला ने कहा कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया है और उसने अपनी मर्जी से युवक के साथ शादी की। वह दोनों शांति से रह रहे हैं।
दोनों बालिग, रीति-रिवाजों से की शादी
अदालत ने कहा कि याचिका के साथ संलग्न दस्तावेजों के अध्ययन से पता चलता है कि महिला-पुरुष दोनों बालिग हैं और उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ, रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की है। दोनों को अपनी इच्छा के अनुसार विवाह करने का हक है और पुलिस से यदि संबंधित पक्ष संपर्क करते हैं तो पुलिस उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दंपती ने इस मामले में सुरक्षा के लिए किसी अधिकारी से संपर्क नहीं किया।
विस्तार
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस किसी भी व्यक्ति के जीवन और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है। इसके बाद अदालत ने संबंधित पुलिस को कानून के अनुसार अपनी मर्जी से विवाह करने वाले दंपती को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति संजय धर की एकल पीठ ने वयस्क होने के बाद अपनी पसंद के एक व्यक्ति से विवाह रचाने वाली एक महिला की याचिका का निपटारा करते हुए सोमवार को यह फैसला सुनाया। नवविवाहित जोड़े ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि उक्त महिला के परिवार के सदस्य उन्हें परेशान कर रहे हैं, साथ ही किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कराने की कोशिश भी कर रहे हैं। याचिका में महिला ने आरोप लगाया कि परिवार ने कुछ गुंडों की मदद से उन्हें पीटने की कई कोशिशें भी कीं। महिला ने कहा कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया है और उसने अपनी मर्जी से युवक के साथ शादी की। वह दोनों शांति से रह रहे हैं।
दोनों बालिग, रीति-रिवाजों से की शादी
अदालत ने कहा कि याचिका के साथ संलग्न दस्तावेजों के अध्ययन से पता चलता है कि महिला-पुरुष दोनों बालिग हैं और उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ, रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की है। दोनों को अपनी इच्छा के अनुसार विवाह करने का हक है और पुलिस से यदि संबंधित पक्ष संपर्क करते हैं तो पुलिस उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दंपती ने इस मामले में सुरक्षा के लिए किसी अधिकारी से संपर्क नहीं किया।