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ऐसी फिल्में बनाएं जो आतंकवाद पीड़ितों की व्यथा कहें : उपराज्यपाल
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श्रीनगर के टैगोर हॉल में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा। स्रोत राजभवन
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- मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के टैगोर हॉल में किया द इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन
अमर उजाला ब्यूरो
श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को श्रीनगर के टैगोर हॉल में वोमेध की ओर से आयोजित द इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आह्वान किया कि ऐसी फिल्में बनाएं जो आतंकवाद पीड़ितों की व्यथा कहें।
उपराज्यपाल ने फिल्म शूटिंग को आसान बनाने और फिल्म उद्योग के साथ जम्मू-कश्मीर के संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने फिल्म निर्माताओं से मनोरंजन और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने का भी आह्वान किया। उपराज्यपाल ने कहा कि सामाजिक आख्यानों को आकार देने, सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के लिए सिनेमा सबसे शक्तिशाली माध्यमों में से एक है। इस दौरान रोहित भट और राकेश रोशन भट, प्रो. नजीर अहमद गनई, अंशुल गर्ग, राजीव पांडे, अक्षय लाबरू आदि मौजूद रहे।
20 देशों की 100 से अधिक फिल्मों की प्रविष्टियां मिलीं
आयोजकों ने बताया कि द इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल श्रीनगर के चौथे संस्करण में 20 देशों से 100 से अधिक फिल्मों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल ने स्क्रीनिंग के लिए 20 लघु फिल्मों, 6 फीचर फिल्मों और 4 वृत्तचित्रों को चुना है। चयनित फीचर फिल्में भारत, पोलैंड, रूस और श्रीलंका जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं। चयन में प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य देशों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। तीन दिवसीय सिनेमाई उत्सव में ऐसी फिल्में दिखाई जाएंगी जो संस्कृतियों को जोड़ती हैं।
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अमर उजाला ब्यूरो
श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को श्रीनगर के टैगोर हॉल में वोमेध की ओर से आयोजित द इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आह्वान किया कि ऐसी फिल्में बनाएं जो आतंकवाद पीड़ितों की व्यथा कहें।
उपराज्यपाल ने फिल्म शूटिंग को आसान बनाने और फिल्म उद्योग के साथ जम्मू-कश्मीर के संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने फिल्म निर्माताओं से मनोरंजन और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने का भी आह्वान किया। उपराज्यपाल ने कहा कि सामाजिक आख्यानों को आकार देने, सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ावा देने के लिए सिनेमा सबसे शक्तिशाली माध्यमों में से एक है। इस दौरान रोहित भट और राकेश रोशन भट, प्रो. नजीर अहमद गनई, अंशुल गर्ग, राजीव पांडे, अक्षय लाबरू आदि मौजूद रहे।
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20 देशों की 100 से अधिक फिल्मों की प्रविष्टियां मिलीं
आयोजकों ने बताया कि द इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल श्रीनगर के चौथे संस्करण में 20 देशों से 100 से अधिक फिल्मों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल ने स्क्रीनिंग के लिए 20 लघु फिल्मों, 6 फीचर फिल्मों और 4 वृत्तचित्रों को चुना है। चयनित फीचर फिल्में भारत, पोलैंड, रूस और श्रीलंका जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं। चयन में प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य देशों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। तीन दिवसीय सिनेमाई उत्सव में ऐसी फिल्में दिखाई जाएंगी जो संस्कृतियों को जोड़ती हैं।