शहर के डाउनटाउन इलाके के ईदगाह स्थित सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में घुसकर आतंकियों ने प्रिंसिपल समेत दो अल्पसंख्यक शिक्षकों की हत्या कर दी। गुरुवार को हुए इस आतंकी हमले में सिख समुदाय से जुड़ीं बडगाम की रहने वाली प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक जम्मू के दीपक चंद की मौके पर ही मौत हो गई। गोलियां बरसाने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले। वारदात के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
घाटी में पिछले पांच दिनों में आतंकियों ने सात नागरिकों की हत्या कर दी है, जिसमें चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। अकेले छह हत्याएं ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुई हैं। गुरुवार सुबह करीब सवा 11 बजे आतंकियों ने स्कूल परिसर में घुसकर प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। दोनों लहुलूहान होकर जमीन पर गिर पड़े। स्टाफ रूम में मौजूद अन्य शिक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्कूल में कोई विद्यार्थी नहीं था क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं।
स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि कुछ लोग स्कूल में दाखिल हुए। उन्होंने बाहर बैठे स्कूल के शिक्षकों के परिचय पत्र चेक किए और उनसे मोबाइल फोन ले लिए। आतंकी दो टीचरों को किनारे पर ले गए और फि र उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी। इसके बाद उन्होंने खून में लथपथ दो शिक्षकों को जमीन पर पड़ा देखा। एक अन्य शिक्षक ने बताया कि जिस समय वारदात हुई उस समय वह अंदर चाय पी रहे थे। उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी। बाहर निकलने पर उन्होंने प्रिंसिपल ऑफि स के बाहर दीपक को गिरा देखा। बाद में देखा कि प्रिंसिपल भी जमीन पर गिरी पड़ी हैं। गोली चलने की आवाज सुनकर अफ रा तफ री का माहौल पैदा हो गया।
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। कहा, 15 अगस्त को तिरंगे को सैल्यूट करने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य करने का बदला लिया गया है। इससे पहले छह अक्तूबर को श्रीनगर में कश्मीरी पंडित कारोबारी एमएल बिंदरू, गोलगप्पा विक्रेता बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान और बांदीपोरा में सूमो स्टैंड अध्यक्ष मोहम्मद शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले दो अक्तूबर को श्रीनगर के करन नगर में माजिद अहमद गोजरी व बटमालू में मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: बीएसएफ को मिली बड़ी कामयाबी, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
बिलख पड़े साथी अध्यापक
आतंकी हमले के बाद स्कूल परिसर में शिक्षक अपने दो साथियों की बर्बरतापूर्ण हत्या को लेकर सहमे हुए बैठे थे। कुछ तो बात करते समय बिलख रहे थे। वारदात के बाद पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल के आस-पास के इलाकों में तुरंत एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया।
स्कूल परिसर में दाखिल हुए थे तीन आतंकी
पुलिस ने बताया कि घटना के चश्मदीदों के अनुसार उन्होंने फ ायरिंग के बाद तीन लोगों को भागते हुए देखा। हो सकता है कि कोई और बाहर भी हो। माना जा रहा है कि हमलावरों की संख्या चार थी। पुलिस द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पॉलीवे को करीब साढ़े ग्यारह बजे सूचना मिली कि ईदगाह के संगम में आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर गोलियां चलाई हैं। तुरंत डीजीपी दिलबाग सिंह, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार, आईजी सीआरपीएफ श्रीनगर सेक्टर चारु सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। डीजीपी ने साथी शिक्षकों से भी घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की तफ्तीश शुरू कर दी है।
स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं
बताया जाता है कि ईदगाह के संगम इलाके में स्थित सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल तीन भवनों में चलता है। इस स्कूल में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। यदि कैमरे लगे होते तो हमलावरों को पहचानने में आसानी होती।
विस्तार
शहर के डाउनटाउन इलाके के ईदगाह स्थित सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में घुसकर आतंकियों ने प्रिंसिपल समेत दो अल्पसंख्यक शिक्षकों की हत्या कर दी। गुरुवार को हुए इस आतंकी हमले में सिख समुदाय से जुड़ीं बडगाम की रहने वाली प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक जम्मू के दीपक चंद की मौके पर ही मौत हो गई। गोलियां बरसाने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले। वारदात के बाद पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
घाटी में पिछले पांच दिनों में आतंकियों ने सात नागरिकों की हत्या कर दी है, जिसमें चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। अकेले छह हत्याएं ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुई हैं। गुरुवार सुबह करीब सवा 11 बजे आतंकियों ने स्कूल परिसर में घुसकर प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। दोनों लहुलूहान होकर जमीन पर गिर पड़े। स्टाफ रूम में मौजूद अन्य शिक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्कूल में कोई विद्यार्थी नहीं था क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं।
स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि कुछ लोग स्कूल में दाखिल हुए। उन्होंने बाहर बैठे स्कूल के शिक्षकों के परिचय पत्र चेक किए और उनसे मोबाइल फोन ले लिए। आतंकी दो टीचरों को किनारे पर ले गए और फि र उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी। इसके बाद उन्होंने खून में लथपथ दो शिक्षकों को जमीन पर पड़ा देखा। एक अन्य शिक्षक ने बताया कि जिस समय वारदात हुई उस समय वह अंदर चाय पी रहे थे। उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी। बाहर निकलने पर उन्होंने प्रिंसिपल ऑफि स के बाहर दीपक को गिरा देखा। बाद में देखा कि प्रिंसिपल भी जमीन पर गिरी पड़ी हैं। गोली चलने की आवाज सुनकर अफ रा तफ री का माहौल पैदा हो गया।
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। कहा, 15 अगस्त को तिरंगे को सैल्यूट करने के लिए विद्यार्थियों को बाध्य करने का बदला लिया गया है। इससे पहले छह अक्तूबर को श्रीनगर में कश्मीरी पंडित कारोबारी एमएल बिंदरू, गोलगप्पा विक्रेता बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान और बांदीपोरा में सूमो स्टैंड अध्यक्ष मोहम्मद शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले दो अक्तूबर को श्रीनगर के करन नगर में माजिद अहमद गोजरी व बटमालू में मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: बीएसएफ को मिली बड़ी कामयाबी, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
बिलख पड़े साथी अध्यापक
आतंकी हमले के बाद स्कूल परिसर में शिक्षक अपने दो साथियों की बर्बरतापूर्ण हत्या को लेकर सहमे हुए बैठे थे। कुछ तो बात करते समय बिलख रहे थे। वारदात के बाद पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल के आस-पास के इलाकों में तुरंत एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया।
स्कूल परिसर में दाखिल हुए थे तीन आतंकी
पुलिस ने बताया कि घटना के चश्मदीदों के अनुसार उन्होंने फ ायरिंग के बाद तीन लोगों को भागते हुए देखा। हो सकता है कि कोई और बाहर भी हो। माना जा रहा है कि हमलावरों की संख्या चार थी। पुलिस द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पॉलीवे को करीब साढ़े ग्यारह बजे सूचना मिली कि ईदगाह के संगम में आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर गोलियां चलाई हैं। तुरंत डीजीपी दिलबाग सिंह, आईजीपी कश्मीर विजय कुमार, आईजी सीआरपीएफ श्रीनगर सेक्टर चारु सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया। डीजीपी ने साथी शिक्षकों से भी घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की तफ्तीश शुरू कर दी है।
स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं
बताया जाता है कि ईदगाह के संगम इलाके में स्थित सरकारी ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल तीन भवनों में चलता है। इस स्कूल में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। यदि कैमरे लगे होते तो हमलावरों को पहचानने में आसानी होती।