स्वच्छता अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता आने के बावजूद शहर में गंदगी के अंबार जगह-जगह पर देखने को मिल ही जाते हैं। खासतौर पर गाय-भैंस के तबेले के आस पास रहने वाले लोगों को गोबर की वजह से काफी दिक्कत होती है। ऐसा ही कुछ हाल झारखंड के स्टील सिटी जमशेदपुर के लोगों का हो गया है, गोबर की बदबू और सड़ांध से कई तरह की बीमारी हो रही है।
झारखंड सरकार ने जमशेदपुर को ‘देश का पहला’ गोबर मुक्त शहर बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है।सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। जेएनएसी के विशेष अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी (जेएनएसी) ने हाल ही में इस सिलसिले में निविदा जारी की थी जिसे शुक्रवार को शहर की दो कंपनियों ने हासिल किया।
पांडेय ने दावा किया कि यह अपनी तरह की भारत में पहली परियोजना है। उन्होंने बताया, 'हमें लगातार गोशाला और मवेशी मालिकों के खिलाफ लोगों से शिकायतें मिल रही थी कि शहर में यहां-वहां पड़े गोबर से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही है।'
जेएनएसी अधिकारी ने बताया कि जमशेदपुर में 350 से ज्यादा गोशालाएं हैं और सभी अवैध तरीके से चल रही हैं। गोबर के निपटने के लिए उनके पास कोई उचित व्यवस्था नहीं है। अधिकारी ने बताया कि जिन दो कंपनियों को निविदा दी गई है, वह पूरे शहर से गोबर जमा करेंगे और नियमित रूप से उचित तरीके से उसका निपटारा करेंगे।
स्वच्छता अभियान को लेकर लोगों में जागरूकता आने के बावजूद शहर में गंदगी के अंबार जगह-जगह पर देखने को मिल ही जाते हैं। खासतौर पर गाय-भैंस के तबेले के आस पास रहने वाले लोगों को गोबर की वजह से काफी दिक्कत होती है। ऐसा ही कुछ हाल झारखंड के स्टील सिटी जमशेदपुर के लोगों का हो गया है, गोबर की बदबू और सड़ांध से कई तरह की बीमारी हो रही है।
झारखंड सरकार ने जमशेदपुर को ‘देश का पहला’ गोबर मुक्त शहर बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है।सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। जेएनएसी के विशेष अधिकारी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी (जेएनएसी) ने हाल ही में इस सिलसिले में निविदा जारी की थी जिसे शुक्रवार को शहर की दो कंपनियों ने हासिल किया।
पांडेय ने दावा किया कि यह अपनी तरह की भारत में पहली परियोजना है। उन्होंने बताया, 'हमें लगातार गोशाला और मवेशी मालिकों के खिलाफ लोगों से शिकायतें मिल रही थी कि शहर में यहां-वहां पड़े गोबर से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही है।'
जेएनएसी अधिकारी ने बताया कि जमशेदपुर में 350 से ज्यादा गोशालाएं हैं और सभी अवैध तरीके से चल रही हैं। गोबर के निपटने के लिए उनके पास कोई उचित व्यवस्था नहीं है। अधिकारी ने बताया कि जिन दो कंपनियों को निविदा दी गई है, वह पूरे शहर से गोबर जमा करेंगे और नियमित रूप से उचित तरीके से उसका निपटारा करेंगे।