दोस्ती में प्रेम था
प्रेम में इच्छा
इच्छा से मुँह फेर कर
वह कहाँ जाएगी?
इच्छा से मुँह फेरकर
वह रेल की पटरी पर जाएगी
या झील के किनारे
या नींद की दसवीं गोली के सिरहाने
तीसरी मंज़िल की मुँडेर पर
अंतिम इच्छा के संकोच तक
प्रेम में इच्छा थी, इच्छा में तृष्णा
तृष्णा क्यों माँगती थी
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