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कहां फिर दोस्ती होगी

                
                                                                                 
                            करो यारों जहां तक कर सको ये दोस्ती होगी,
                                                                                                

कहां फिर दोस्त कल होंगे कहां फिर दोस्ती होगी|

सभी खो जायेगे कल को सभी खो जायेगे कल को,
निगाहे रास्तों पे कल सभी की तैरती होगी|

जरा देखो कई चेहरे गमों को बांट हंसते हैं,
अकेले जब हंसोगे तब हंसी भी नोचती होगी|

'शुभम' दिलबर बिना होगी कहीं फिर प्रीति तो लेकिन,
नहीं फिर दोस्त कल होंगे नहीं फिर दोस्ती होगी|


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3 वर्ष पहले

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