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मेरे अल्फाज - आकस्मिक

                
                                                                                 
                            जिंदगी की रफ्तार है, आकस्मिक ही बदल जाती है,
                                                                                                

कभी तेज तर्रार हवा सी, कभी धीमी चलती जाती है,
भरवसा कहाँ है साँसो का भी कब अचानक ब्रेक लगे,
हसती गाती जिंदगी अकस्मात ही मौत के आगोश में
सकुन ढूँढेे।

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एक वर्ष पहले

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