जीवन चक्र तुम चला रहे हो,
दुखों, मुश्किलों और पीड़ओ से,
ना तुम घबरा रहे हो,
तुम हो संसार के दीपक,
इसलिए तुम जगमग आ रहे हो,
आशाओं का लेकर सहारा,
तुम आगे बढ़ते जा रहे हो,
जीवन चक्र तुम चला रहे हो।।
सीमा सूद
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