आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

आज का शब्द: निर्मोही भारत भूषण की रचना- जिस पल तेरी याद सताए, आधी रात नींद जग जाए

आज का शब्द
                
                                                                                 
                            

'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- निर्मोही, जिसका अर्थ है- जिसे मोह या ममता न हो। प्रस्तुत है भारत भूषण की रचना- जिस पल तेरी याद सताए, आधी रात नींद जग जाए 



जिस पल तेरी याद सताए, आधी रात नींद जग जाए
ओ पाहन! इतना बतला दे उस पल किसकी बाँह गहूँ मैं

अपने अपने चाँद भुजाओं
में भर भर कर दुनिया सोए
सारी सारी रात अकेला
मैं रोऊँ या शबनम रोए
करवट में दहकें अंगारे, नभ से चंदा ताना मारे
प्यासे अरमानों को मन में दाबे कैसे मौन रहूँ मैं

गाऊँ कैसा गीत की जिससे
तेरा पत्थर मन पिघलाऊँ
जाऊँ किसके द्वार जहाँ ये
अपना दुखिया मन बहलाऊँ
गली गली डोलूँ बौराया, बैरिन हुई स्वयं की छाया
मिला नहीं कोई भी ऐसा जिससे अपनी पीर कहूँ मैं

आगे पढ़ें

एक वर्ष पहले

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X
बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now