डेंगू एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। समय पर इसका इलाज बहुत ही जरूरी है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंसान की जान भी जा सकती है। डेंगू बुखार को 'हड्डीतोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित मरीजों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हों। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह बीमारी एक विश्वव्यापी समस्या बन गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लगभग 5-10 करोड़ लोग डेंगू बुखार से पीड़ित होते हैं, जिसमें से कइयों की जान भी चली जाती है। इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय ये है कि अपने घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें, कहीं भी पानी न जमा होने दें, क्योंकि पानी इकट्ठा हो जाने की वजह से उसमें मच्छर पनपने लगते हैं, जो डेंगू का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं...
कैसे और कब होता है डेंगू
- डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर दिन में तो नहीं, लेकिन सुबह के समय काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके तुरंत बाद के महीनों में, जैसे- जुलाई सेअक्तूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के आगमन के लिए उनके हिसाब से बिलकुल अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। दरअसल, एडीज इजिप्टी मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता, जिसकी वजह वह आसानी से नजर नहीं आता है।
कैसे फैलता है डेंगू
- डेंगू वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। इनके एक बार काटने से भी इंसान संक्रमित हो सकता है। कभी-कभार मच्छरों को भी इंसानों से डेंगू मिल सकता है। अगर मादा मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट ले तो मच्छर को भी डेंगू वायरस मिल सकता है। ऐसे में अगर वह मादा मच्छर किसी और व्यक्ति को काटती है तो डेंगू वायरस उसके शरीर में भी प्रवेश कर सकता है। फिर करीब 3-5 दिनों के बाद व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। शरीर में बीमारी होने के आसार 3 से 10 दिनों के भी हो सकते हैं, यह निश्चित नहीं होता।
डेंगू के लक्षण
- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
- बहुत ज्यादा कमजोरी
- भूख न लगना, जी मितलाना
- मुंह का स्वाद खराब होना
- गले में दर्द
- चेहरे, गर्दन और छाती पर रैशेज होना
डेंगू से बचाव के उपाय
- अपने आसपास साफ-सफाई रखें
- मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं
- पूरे बाजू के कपड़े पहनें, ताकि मच्छरों के काटने से बचे रहें
- मच्छरदानी लगाकर सोएं तो ज्यादा बेहतर है