01:36 PM, 02-Dec-2025
सात ड्रोन करेंगे निगरानी, 12 सीसीटीवी से रहेगी नजर
बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने न केवल सतर्कता बरती है बल्कि हर तरह से निगरानी की तैयारी की है। सात ड्रोनों के जरिये बनभूलपुरा के संवेदनशील इलाकों पर पुलिस नजर रखेगी। 12 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के जरिये कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाएगी। यहां किसी भी कैमरे में संदिग्ध गतिविधि दिखने पर नजदीकी पुलिस टीम को सतर्क किया जाएगा।
01:13 PM, 02-Dec-2025
बनभूलपुरा अतिक्रमण विवाद पर पुलिस सख्त
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि अतिक्रमण के मुद्दे पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के बीच पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी नैनीताल ने मौके पर जाकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
12:32 PM, 02-Dec-2025
जानिए कब क्या हुआ
याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी बताते हैं कि बनभूलपुरा और गफूरबस्ती क्षेत्र में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर वर्ष 2007 में भी हाईकोर्ट ने आदेश पारित किए थे। तब प्रशासन ने 2400 वर्गमीटर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया था। 2013 में उन्होंने गौला नदी में हो रहे अवैध खनन और गौला पुल के क्षतिग्रस्त होने के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान रेलवे भूमि के अतिक्रमण का मामला फिर से सामने आ गया। 9 नवंबर 2016 को कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए रेलवे को दस सप्ताह के भीतर समस्त अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र देकर उक्त जमीन को प्रदेश सरकार की नजूल भूमि बताया लेकिन 10 जनवरी 2017 को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
जोशी बताते हैं कि इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में कई विशेष याचिकाएं दाखिल हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों और प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि वह अपने व्यक्तिगत प्रार्थना पत्र 13 फरवरी 2017 तक हाईकोर्ट में दाखिल करें और इनका परीक्षण हाईकोर्ट करेगा। इसके लिए तीन माह का समय दिया गया। छह मार्च 2017 को कोर्ट ने रेलवे को अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर याचिकाकर्ता जोशी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। रेलवे और जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा लेकिन कब्जा तब भी नहीं हटा।
जोशी ने 21 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर कर कर कहा कि रेलवे अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने में नाकाम साबित हुआ है। 18 मई 2022 को कोर्ट ने सभी प्रभावित व्यक्तियों को अपने तथ्य न्यायालय में रखने के निर्देश दिए लेकिन अतिक्रमणकारी उक्त भूमि पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे। 20 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने फिर से रेलवे को अतिक्रमणकारियों को हफ्ते भर का नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने संबंधी निर्देश दिए। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया जहां आज इस पर सुनवाई होनी है।
12:11 PM, 02-Dec-2025
Haldwani Railway Land Encroachment: 29 एकड़ जमीन...4365 कब्जे, हजारों लोगों की किस्मत दांव पर; SC का फैसला आज
हल्द्वानी रेलवे की भूमि पर हुए अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज (मंगलवार) सुनवाई होनी है। इसके मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बीच हजारों परिवार फैसले की चौखट पर खड़े हैं। रेलवे की ओर से कहा गया है कि हल्द्वानी में उनकी 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 अतिक्रमणकारी काबिज हैं।