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लविवि : सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक को भी अलॉट कर दी पीएचडी सीट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Mon, 13 Sep 2021 05:04 PM IST
सार
विभाग के ही कुछ शिक्षकों ने पिछले दिनों इसकी शिकायत रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह से की थी। रजिस्ट्रार ने इस मामले में विभागाध्यक्ष से जानकारी मांगी थी। जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा इसे सही ठहराया।
लखनऊ विश्वविद्यालय।
- फोटो : अमर उजाला
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लखनऊ विश्वविद्यालय और पीएचडी को लेकर विवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हो गए हैं। कभी विवादों में पीएचडी प्रवेश साल भर अटके रह जाते हैं तो इस बार विश्वविद्यालय के कुछ विभागों ने एक साल में सेवानिवृत्त हो रहे और सेवा विस्तार पाए शिक्षकों के नाम पर पीएचडी की सीटें तय करके प्रवेश सेल को भेज दी। इसकी शिकायत रजिस्ट्रार से हुई तो उन्होंने सभी विभागों को पत्र जारी किया है।
जानकारी के अनुसार विज्ञान संकाय के एक विभाग में एक साल में सेवानिवृत्त हो रहे और एक सेवा विस्तार पर चल रहे शिक्षक को पीएचडी की सीटें निर्धारित कर दी गई। जबकि नियमत: यह सही नहीं है। विभाग की ओर से प्रवेश सेल को खाली सीटों का ब्योरा भेजा गया, उसमें उक्त को भी सीटें एलॉट कर दी गई हैं। नियमत: ऐसे शिक्षक पीएचडी के नए विद्यार्थी इनरोल्ड नहीं कर सकते हैं।
विभाग के ही कुछ शिक्षकों ने पिछले दिनों इसकी शिकायत रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह से की थी। रजिस्ट्रार ने इस मामले में विभागाध्यक्ष से जानकारी मांगी थी। जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा इसे सही ठहराया। इस क्रम में रजिस्ट्रार ने सभी डीन, हेड, समन्वयक व निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि यह जानकारी में आया है कि कुछ विभागों द्वारा सत्र 2020-21 के अंतर्गत पीएचडी शोध में प्रवेश के लिए सीटों के निर्धारण में ऐसे शिक्षकों को भी शामिल कर लिया है, जिनकी सेवा अधिवर्षता की तिथि एक साल से कम है। उन्होंने शोध अध्यादेश के नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि अगर गलती से ऐसा किया गया है तो दो दिन के अंदर सीटों का ब्योरा शोध अध्यादेश के नियमों के अनुसार प्रवेश सेल को भेजें। बता दें कि विश्वविद्यालय में इस समय पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। जारी ब्योरे के अनुसार 448 सीटों पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन हो चुका है।
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को एक दर्जन विषयों में पीएचडी इंटरव्यू के लिए योग्य अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी। इसमें एआईएच में 16, एंथ्रोपोलॉजी में 4, अरेबिक में 12, अरब कल्चर में 7, फ्रेंच में 3, ओरिएंटल संस्कृत में 1, पर्शियन में 3, फिलॉसिफी में 13, साइकोलॉजी में 38, सोशल वर्क में 16, उर्दू में 11 और वेस्टर्न हिस्ट्री में 2 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए अर्ह पाए गए हैं। जल्द ही अन्य विषयों के इंटरव्यू की सूची भी जारी की जाएगी।
विस्तार
लखनऊ विश्वविद्यालय और पीएचडी को लेकर विवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हो गए हैं। कभी विवादों में पीएचडी प्रवेश साल भर अटके रह जाते हैं तो इस बार विश्वविद्यालय के कुछ विभागों ने एक साल में सेवानिवृत्त हो रहे और सेवा विस्तार पाए शिक्षकों के नाम पर पीएचडी की सीटें तय करके प्रवेश सेल को भेज दी। इसकी शिकायत रजिस्ट्रार से हुई तो उन्होंने सभी विभागों को पत्र जारी किया है।
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जानकारी के अनुसार विज्ञान संकाय के एक विभाग में एक साल में सेवानिवृत्त हो रहे और एक सेवा विस्तार पर चल रहे शिक्षक को पीएचडी की सीटें निर्धारित कर दी गई। जबकि नियमत: यह सही नहीं है। विभाग की ओर से प्रवेश सेल को खाली सीटों का ब्योरा भेजा गया, उसमें उक्त को भी सीटें एलॉट कर दी गई हैं। नियमत: ऐसे शिक्षक पीएचडी के नए विद्यार्थी इनरोल्ड नहीं कर सकते हैं।
विभाग के ही कुछ शिक्षकों ने पिछले दिनों इसकी शिकायत रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह से की थी। रजिस्ट्रार ने इस मामले में विभागाध्यक्ष से जानकारी मांगी थी। जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा इसे सही ठहराया। इस क्रम में रजिस्ट्रार ने सभी डीन, हेड, समन्वयक व निदेशक को पत्र भेजकर कहा है कि यह जानकारी में आया है कि कुछ विभागों द्वारा सत्र 2020-21 के अंतर्गत पीएचडी शोध में प्रवेश के लिए सीटों के निर्धारण में ऐसे शिक्षकों को भी शामिल कर लिया है, जिनकी सेवा अधिवर्षता की तिथि एक साल से कम है। उन्होंने शोध अध्यादेश के नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि अगर गलती से ऐसा किया गया है तो दो दिन के अंदर सीटों का ब्योरा शोध अध्यादेश के नियमों के अनुसार प्रवेश सेल को भेजें। बता दें कि विश्वविद्यालय में इस समय पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। जारी ब्योरे के अनुसार 448 सीटों पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन हो चुका है।
12 विषयों में इंटरव्यू के लिए सूची जारी
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार को एक दर्जन विषयों में पीएचडी इंटरव्यू के लिए योग्य अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर जारी कर दी। इसमें एआईएच में 16, एंथ्रोपोलॉजी में 4, अरेबिक में 12, अरब कल्चर में 7, फ्रेंच में 3, ओरिएंटल संस्कृत में 1, पर्शियन में 3, फिलॉसिफी में 13, साइकोलॉजी में 38, सोशल वर्क में 16, उर्दू में 11 और वेस्टर्न हिस्ट्री में 2 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए अर्ह पाए गए हैं। जल्द ही अन्य विषयों के इंटरव्यू की सूची भी जारी की जाएगी।
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