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यूपी: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दिए निर्देश, निशुल्क बांटी जाएंगी लंबित डिग्रियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Thu, 30 Sep 2021 10:46 AM IST
सार
यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया है कि लंबे समय से लंबित डिग्रियों को निशुल्क वितरित किया जाए। इस संबंध में दस सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में वर्षों से लंबित डिग्रियां विद्यार्थियों को निशुल्क वितरित की जाएंगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी कुलपतियों को इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि भविष्य में दीक्षांत समारोह आयोजित कर विद्यार्थियों में डिग्री वितरित की जाए।
इसके लिए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में दस सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल के निर्देश पर सभी विश्वविद्यालयों को अनिवार्य रूप से डिजी लॉकर में डिग्री उपलब्ध कराने, छात्रों से उपाधि शुल्क शिक्षा सत्र के अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की फीस के साथ जमा कराने, अंतिम अंकपत्र या प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट देने से पहले छात्रों से अदेयता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने, डाक से डिग्री भेजने के विकल्प के लिए उनका पता लेने और डिग्री भेजने के लिए विद्यार्थियों से कोई आवेदन पत्र न लेने की व्यवस्था भी लागू की गई है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में वर्षों से लंबित डिग्रियां विद्यार्थियों को निशुल्क वितरित की जाएंगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी कुलपतियों को इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि भविष्य में दीक्षांत समारोह आयोजित कर विद्यार्थियों में डिग्री वितरित की जाए।
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इसके लिए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में दस सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। गुप्ता ने बताया कि राज्यपाल के निर्देश पर सभी विश्वविद्यालयों को अनिवार्य रूप से डिजी लॉकर में डिग्री उपलब्ध कराने, छात्रों से उपाधि शुल्क शिक्षा सत्र के अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की फीस के साथ जमा कराने, अंतिम अंकपत्र या प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट देने से पहले छात्रों से अदेयता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने, डाक से डिग्री भेजने के विकल्प के लिए उनका पता लेने और डिग्री भेजने के लिए विद्यार्थियों से कोई आवेदन पत्र न लेने की व्यवस्था भी लागू की गई है।
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