लखनऊ। निवेश करने पर 10.75 प्रतिशत का ब्याज दिलाने का झांसा देकर एमआरएस निधि नाम की कंपनी के निदेशकों ने सैकड़ों लोगों से रुपये जमा कराए। आरोप है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेकर कंपनी भागने की फिराक में थी। इसी बीच कंपनी के कार्यालय पर निवेशक पहुंच गए। रुपये वापस करने को कहा तो निदेशक ने टालमटोल की। इस पर नाराज निवेशकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस को सूचना दी। इसी बीच नाराज निवेशक उसे पकड़कर सीधे थाने पहुंच गए जहां पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने कंपनी के मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह को गिरफ्तार कर कार्यालय पर छापा मारा। वहां से 1350 पासबुक व चार अलग-अलग कंपनियों के नाम से मुहरें बरामद की हैं। इस मामले में 46 लोगों की तहरीर पर चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, गोसाईंगंज में शक्ति भूषण निगम परिवार सहित रहते हैं। शक्ति भूषण के मुताबिक, कुछ समय पहले गोमतीनगर के विनीतखंड इलाके में एमआरएस निधि लिमिटेड नाम की एक कंपनी खुली। इस कंपनी के निदेशक के पद पर हरदोई के सुनउना करीमनगर निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह, राकेश कुमार उपाध्याय और अर्चना सिंह निदेशक हैं। इस कंपनी से जुड़े लोगों ने निवेश करने पर 10.75 फीसदी ब्याज सहित रकम वापसी का भरोसा दिलाया। शक्ति भूषण ने 1,08,000 रुपये का निवेश किया। एक साल की अवधि पूरी होने के बाद उसने जब ब्याज समेत रकम वापसी मांगी तो कंपनी के लोग टालमटोल करने लगे। पीड़ित का आरोप है कि रुपये वापस मांगने पर कंपनी के लोगों ने उसको धमकाया और फिर अचानक कंपनी बंद हो गई। रविवार को पीड़ित की ही तरह दर्जनों लोग कंपनी के दफ्तर पहुंचे। किसी तरह लोगों ने कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह को पकड़ लिया और उसको थाने लेकर पहुंच गए। थाने के बाहर निवेशकों ने कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
46 लोगों ने दी तहरीर, चार केस दर्ज
प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, रविवार देर रात 46 लोगों ने कंपनी के खिलाफ ठगी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी जिसके आधार पर चार मुकदमे कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह, राजेश उपाध्याय, अर्चना और धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों में शक्ति भूषण के अलावा चिनहट निवासी हरिनंदन सिंह, गोमतीनगर निवासी दिनेश वर्मा और महानगर निवासी पंकज वर्मा सहित 46 लोग शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
लखनऊ। निवेश करने पर 10.75 प्रतिशत का ब्याज दिलाने का झांसा देकर एमआरएस निधि नाम की कंपनी के निदेशकों ने सैकड़ों लोगों से रुपये जमा कराए। आरोप है कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की रकम लेकर कंपनी भागने की फिराक में थी। इसी बीच कंपनी के कार्यालय पर निवेशक पहुंच गए। रुपये वापस करने को कहा तो निदेशक ने टालमटोल की। इस पर नाराज निवेशकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस को सूचना दी। इसी बीच नाराज निवेशक उसे पकड़कर सीधे थाने पहुंच गए जहां पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने कंपनी के मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह को गिरफ्तार कर कार्यालय पर छापा मारा। वहां से 1350 पासबुक व चार अलग-अलग कंपनियों के नाम से मुहरें बरामद की हैं। इस मामले में 46 लोगों की तहरीर पर चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, गोसाईंगंज में शक्ति भूषण निगम परिवार सहित रहते हैं। शक्ति भूषण के मुताबिक, कुछ समय पहले गोमतीनगर के विनीतखंड इलाके में एमआरएस निधि लिमिटेड नाम की एक कंपनी खुली। इस कंपनी के निदेशक के पद पर हरदोई के सुनउना करीमनगर निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह, राकेश कुमार उपाध्याय और अर्चना सिंह निदेशक हैं। इस कंपनी से जुड़े लोगों ने निवेश करने पर 10.75 फीसदी ब्याज सहित रकम वापसी का भरोसा दिलाया। शक्ति भूषण ने 1,08,000 रुपये का निवेश किया। एक साल की अवधि पूरी होने के बाद उसने जब ब्याज समेत रकम वापसी मांगी तो कंपनी के लोग टालमटोल करने लगे। पीड़ित का आरोप है कि रुपये वापस मांगने पर कंपनी के लोगों ने उसको धमकाया और फिर अचानक कंपनी बंद हो गई। रविवार को पीड़ित की ही तरह दर्जनों लोग कंपनी के दफ्तर पहुंचे। किसी तरह लोगों ने कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह को पकड़ लिया और उसको थाने लेकर पहुंच गए। थाने के बाहर निवेशकों ने कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
46 लोगों ने दी तहरीर, चार केस दर्ज
प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, रविवार देर रात 46 लोगों ने कंपनी के खिलाफ ठगी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी जिसके आधार पर चार मुकदमे कंपनी मालिक धीरेंद्र कुमार सिंह, राजेश उपाध्याय, अर्चना और धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों में शक्ति भूषण के अलावा चिनहट निवासी हरिनंदन सिंह, गोमतीनगर निवासी दिनेश वर्मा और महानगर निवासी पंकज वर्मा सहित 46 लोग शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।