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'मैं जज की पत्नी हूं' : लखनऊ में महिला बोली-मुझे प्रोटोकॉल चाहिए, जांच में जो सामने आया...पुलिस भी रह गई सन्न
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: आकाश द्विवेदी
Updated Tue, 02 Dec 2025 06:23 PM IST
सार
लखनऊ में खुद को हाईकोर्ट जज की पत्नी बताकर प्रोटोकॉल मांगने वाली महिला का झूठ पकड़ा, पुलिस ने केस दर्ज किया। इधर निवेश के नाम पर डीसीपी समेत तीन लोगों से 95 लाख की ठगी का खुलासा हुआ है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
राम मनोहर लोहिया अस्पताल इलाज के लिए आई रंजना राय नाम की महिला ने खुद को हाईकोर्ट के सीनियर जज की पत्नी बताते हुए प्रोटोकॉल की मांग की। जांच करने पर पता चला कि रंजना राय ने झूठ बोला था। इस मामले में अब रंजना राय के खिलाफ विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड अमर सिंह के अनुसार 26 नवंबर को रंजना राय नाम की महिला राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हड्डी रोग विभाग दिखाने आई थीं। रंजना ने खुद को हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की पत्नी बताया और प्रोटोकॉल की मांग की। उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद असिस्टेंट पीआरओ निमिशा सोनकर ने प्रोटोकॉल की व्यवस्था देख रहे अविनाश राय को सूचना दी।
रंजना राय की बताई गई बात की जब जांच की गई तो पता चला कि वह झूठ बोल रही थीं। अस्पताल प्रशासन ने उनको प्रोटोकॉल देने से मना कर दिया। इतना ही नहीं 27 नवंबर को ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल शैलेंद्र कुमार ने रंजना राय के खिलाफ विभूतिखंड थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई। इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपी महिला का मोबाइल नंबर अस्पताल प्रशासन से मिला है। उसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
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इंस्पेक्टर विभूतिखंड अमर सिंह के अनुसार 26 नवंबर को रंजना राय नाम की महिला राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हड्डी रोग विभाग दिखाने आई थीं। रंजना ने खुद को हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की पत्नी बताया और प्रोटोकॉल की मांग की। उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद असिस्टेंट पीआरओ निमिशा सोनकर ने प्रोटोकॉल की व्यवस्था देख रहे अविनाश राय को सूचना दी।
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रंजना राय की बताई गई बात की जब जांच की गई तो पता चला कि वह झूठ बोल रही थीं। अस्पताल प्रशासन ने उनको प्रोटोकॉल देने से मना कर दिया। इतना ही नहीं 27 नवंबर को ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल शैलेंद्र कुमार ने रंजना राय के खिलाफ विभूतिखंड थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई। इंस्पेक्टर का कहना है कि आरोपी महिला का मोबाइल नंबर अस्पताल प्रशासन से मिला है। उसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
मुनाफे का लालच देकर डीसीपी व दो अन्य से ठगे 95 लाख
विभूतिखंड थाने में उडीसा में तैनात डीसीपी पूर्वी गीतांजलि सबत व दो अन्य लोगों ने केएपी ग्लोबल कंपनी के निदेशकों पर 95 लाख की ठगी की तीन एफआईआर दर्ज कराई हैं। निदेशकों पर निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप है।डीसीपी पूर्वी गीतांजलि सबत उडीसा के बेरहमपुर में रहती हैं। गीतांजलि के मुताबिक 2024 में उनका संपर्क केएपी ग्लोबल इन्वेस्ट सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी के निदेशक कुणाल धीरेन कुमार मेहता से हुआ था। कुणाल के साथ ही हिमांशी मिश्रा, रीता मेहता और राहुल खुशीराम मेहता भी कंपनी में निदेशक है।
कुणाल व अन्य निदेशकों ने उन्हें कंपनी में निवेश करने पर मूल रकम लौटाने पर 20 फीसद मुनाफा देने की बात कही थी। साथ ही त्रैमासिक लाभ देने को भी कहा था। बात बनने पर कुणाल ने गीतांजलि से एक मार्च 2024 को एमओयू भी कराया था।
डीसीपी पूर्वी का आरोप है कि शुरुआत में कुछ माह तक आरोपियों ने लाभ दिया। मगर बाद में देना बंद कर दिया। दबाव बनाने पर कुणाल व अन्य निदेशक टालमटोल करते रहे। ऐसे में गीतांजलि ने डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह से शिकायत की। उनके आदेश पर विभूतिखंड पुलिस ने कार्रवाई की।
इनसे भी केएपी कंपनी के निदेशक ने की धोखाधड़ी
इसी तरह से कुणाल ने सरकारी विभाग से रिटायर्ड अधिकारी असम के गुवाहाटी निवासी प्रणव जे शर्मा को भी अप्रैल 2023 में निवेश का झांसा दिया। बातों में आए प्रणव ने भी आरोपी की कंपनी में 45 लाख रुपये निवेश कर दिए।मगर जब मुनाफ के बारी तो आरोपी कोई न कोई बहाने बनाने लगा। थक हार कर प्रणव ने एसीपी विभूतिखंड से शिकायत। उधर, उडीसा के कटक निवासी समीक्षा से भी कंपनी ने 25 लाख रुपये ठग लिए। समीक्षा ने डीसीपी पूर्वी से शिकायत की। इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया तीनों मामलों की तफ्तीश की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।